जहां एक तरफ जनता पेट्रोल की भारी कीमतों से परेशान है वहीं, अब किसान यूनियन की 10 दिनों हड़ताल भी आम लोगों को मुश्किलों में ड़ाल सकत है। दरअसल एक बार फिर किसान सड़कों पर हैं और सरकार परेशान है लेकिन इस बार इस आंदोलन का असर आम लोगों पर भी पड़ने वाला है। अगले 10 दिन तक जब तक ये आंदोलन चलेगा गांव से ना दूध, ना सब्जियां, ना फल, कुछ भी मंडियों तक नहीं पहुंचेगा। बताया जा रहा है कि किसान की मुख्य मांग स्वामीनाथन कमीशन को लागू करना और कर्ज माफी है, इसी को लेकर वे हड़ताल कर रहे हैं।
किसान अपने कर्ज को माफ करने की मांग कर रहे हैं
इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए गांवों में सभाएं भी की गई थीं। इस दौरान किसानों से अपील की गई कि वे हड़ताल के दौरान फल, फूल, सब्जी और अनाज को अपने घरों से बाहर न ले जाएं और न ही वे शहरों से खरीदी करें और न गांवों में बिक्री करें। किसान अपने कर्ज को माफ करने की मांग कर रहे हैं, साथ ही वह लागत से 50 फीसदी अधिक मूल्य दिए जाने की मांग कर रहे हैं ।
आंदोलन का नाम ‘गांव बंद‘ आंदोलन
किसानों ने इस आंदोलन का नाम दिया है ‘गांव बंद’ आंदोलन। वैसे तो इसकी शुरुआत मध्य प्रदेश से हो रही है लेकिन कहा जा रहा है कि देश भर के 22 राज्यों के किसान इससे जुड़ते चले जाएंगे। दावा है कि देश भर के सौ किसान संगठन इस आंदोलन में शामिल होंगे।
गांव में खरीद सकते हैं सब्जी
भारतीय किसान यूनियन ने पहले ही पंजाब के कई शहरों में अगले 10 दिनों तक सब्जी और दूथ की सप्लाई को बंद करने का ऐलान कर दिया है। भाकियू के एक और अन्य नेता का कहना है कि हमारा हर किसी पर अपने बंद को थोपने की कोई योजना नहीं है, जो लोग इसमे खुद से शामिल होना चाहते हैं वह इसमे शामिल हो सकते हैं।
क्या है किसानों की मांग?
1. किसानों की पहली मांग-वादों के मुताबिक किसानों का लोन माफ किया जाए
2. किसानों की दूसरी मांग-सभी फसलों पर लागत के आधार पर डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य दिया जाए
3. किसानों की तीसरी मांग-फल, सब्जी, दूध के दाम भी लागत के आधार पर तय किए जाएं
4. किसानों की चौथी मांग-किसान आंदोलन के दौरान दर्ज मामले खत्म किये जाएं
10 जून को भारत बंद की होगी कोशीश
वहीं, पिछले साल भी मध्यप्रदेश के किसानों ने एक ऐसा ही आंदोलन किया था, जिसके बाद गोलकांड में करीब 6 किसानों की मौत हो गई थी। इसी महीने की 6 तारीख को उसकी पहली बरसी है। गोलीकांड की बरसी पर मृतक किसानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। किसान 8 जून को असहयोग दिवस के रूप में मनाएंगे और 10 जून को दोपहर 2 बजे तक पूरा भारत बंद कराएंगे।…Next
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