दिसम्बर की कड़कड़ाती ठंड़ में जब किसी भी व्यक्ति का मन अपने गर्म बिस्तर से निकलने का नहीं करता तब उत्तरप्रदेश के महियावार, शाहजहांपुर गांव के लोग आधी रात को अपने घरों से निकलकर गन्ने के खेत में रात बिताने को मजबूर हैं. 12 डिग्री से भी कम तापमान में ये गांववाले अपनी रात खुले आसमान के नीचे बिताने के लिए झुंड़ बनाकर आ पहुंचे. ऐसे में सवाल उठता है कि गांववालों की ऐसी हालत की सुध लेने के लिए स्थानीय प्रशासन ने कोई कदम क्यों नहीं उठाया? लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि खौफ के साए में खेत में छुपने को मजबूर ये गांववाले किसी और के डर से नहीं बल्कि पुलिसवालों से डरकर इधर-उधर भागने को मजबूर हैं.
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करीब 10 दिनों से उन्हें अपना जीवन नर्क जैसा अनुभव हो रहा है. गांववालों का कहना है कि पुलिसवाले कभी भी उनके घरों में आ धमकते हैं और फिर गाली-गलौच और मार-पीट का सिलसिला शुरू हो जाता है. साथ ही वे घरों में रखे सामानों के साथ भी तोड़फोड़ शुरू कर देते हैं. दरअसल इस सब की शुरुआत एक घटना से शुरू हुई, एक दिसम्बर के दिन गांव के कुछ नौजवान लड़कों की हाथापाई चुनाव में ड्यूटी दे रहे एक पुलिस अफसर, रामचन्दर यादव से हो गई. किसी बात पर उपजी एक छोटी से बहस गाली-गलौच से हाथापाई में बदल गई. बताया जाता है कि लड़ाई की शुरुआत उस वक्त हो गई जब यादव ने वहां खड़े लड़कों के साथ बदमिजाजी से बात की. इसके जवाब में लड़कों ने भी यादव पर छींटाकशी शुरू कर दी.
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इसके बाद से उन लड़कों को पकड़ने के लिए यादव ने दमनकारी अभियान छेड़ दिया जिसके तहत करीब 11 लोगों पर एफआरआई दर्ज की गई. जिनमें से 8 लोगों को हिरासत में ले लिया गया. जबकि 3 लोग फरार हो गए. उन 3 आरोपियों को पकड़ने के लिए यादव समेत अन्य पुलिस वाले घटना के बाद से गांव में रोजाना किसी भी समय रेड मार रहे हैं. जिसकी वजह से गांववालों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कपकपाती सर्दी में खुले में रात बिताने के कारण महिलाओं और बच्चों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही है. लोग तेजी से बीमार पड़ रहे हैं, वहीं लोगों की दिनचर्या भी बुरी तरह चरमरा गई है …Next
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