रक्षा सौदों में बढ़ रही दलाली के बीच एक नया मामला सामने आया है. मामला भारत सरकार के साथ हुए 4000 करोड़ रुपये के एक हेलीकॉप्टर सौदे में भ्रष्टाचार और गबन से जुड़ा हुआ है. इस मामले में रक्षा मसलों से जुड़े सौदे करने वाली इटली की कंपनी फिनमैकानिका के मुखिया गिसेप ओरसी को रिश्वत देने के आरोप में मिलान में गिरफ्तार किया गया है.
सोने ने जगाया बाजार में विश्वास
इस बीच भारत में भी इसकी हलचल देखी गई. भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने दूतावास से इस बारे में और जानकारी मांगी है. इस सौदे में 12 हेलीकॉप्टर खरीदे जाने थे. तीन आ चुके हैं और बाकी नौ की खरीद रोक दी गई है. फिनमैकानिका के मुखिया गिसेप ओरसी के खिलाफ बीते कई महीनों से जांच चल रही थी. उन पर भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप है.
इस बीच भारत के पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी पर आरोप लगाए गए हैं. इटली की एक जांच एजेंसी ने आरोप चीफ पर लगाया है कि उन्होंने हेलीकॉप्टर के सौदे में कंपनी फिनमैकानिका से घूस ली थी. बताया जाता है कि कंपनी ने इस डील के टेंडरों के नियमों में फेरबदल करने के लिए त्यागी को रिश्वत दी थी. हालांकि चीफ ने इस आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया है.
खिलाड़ियों में आत्मसंयम खोने की संस्कृति
भारत में रक्षा क्षेत्र पर लगने वाले भ्रष्टाचार के आरोप कोई नए नहीं हैं. कुछ महीने पहले पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह ने भी एक साक्षात्कार में यह स्वीकार किया कि विदेशी कंपनी के साथ होने वाले रक्षा सौदे में रिश्वत की पेशकश की जाती है. हथियारों या अन्य उपकरणों की खरीदारी में दलालों का भ्रष्टाचार बदस्तूर जारी है. ज्यादातर रक्षा सौदों को विदेशी कंपनियां अपने ढंग से प्रभावित करने का खेल अब भी खेल रही हैं.
भारत एक बड़ा बाजार है जिस पर दुनिया भर की नजर है. किसी भी क्षेत्र से जुड़ी कंपनियां भारत में अपना कारोबार बढ़ाने के लिए किसी भी तरह का सौदा करना चाहती हैं ताकि उनका मुनाफा और अधिक बढ़े. रक्षा क्षेत्र भी एक ऐसा क्षेत्र है जहां विदेशी कंपनियां अपनी पहुंच और पहचान का इस्तेमाल अपने हथियारों और अन्य उपकरणों का बाजार तैयार करने में करती हैं. इस क्षेत्र में यह इस कदर दाखिल हो गई हैं कि ये विदेशी कंपनियां भारत के शोध और विकास की प्रक्रिया को भी बाधित कर रही हैं.
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