अगर आपको 26 जनवरी परेड देखने का शौक है, तो इस बार आप जरूर परेड देखने दिल्ली का रूख कर सकते हैं। इस बार की गणतंत्र दिवस की परेड में बहुत कुछ पहली बार होने वाला है। सबसे खास बात ये है कि परेड में आपको ब्रिटिश धुन नहीं, बल्कि भारतीय शास्त्रीय संगीत वाली धुन सुनने को मिलेगी।
ब्रिटिश धुन को अलविदा, शंखनाद से आगाज
इसके साथ ही आपको इस साल की परेड में बहुत कुछ खास देखने को मिलेगा। सबसे खास बात ये है कि राजपथ पर ब्रिटिश धुन की जगह ‘शंखनाद’ से परेड की शुरुआत की जाएगी। भारतीय सशस्त्र बल के पहली बार भारतीय धुन बजाई जाएगी। इस धुन को भारतीय वाद्य यंत्रों के संयोजन से बनाया गया है। इसमें तीन तरह के शास्त्रीय राग राग बिलाखानी टोडी, राग भैरवी और राग किरवानी का मेल किया गया है। इस धुन को नागपुर की प्रोफेसर डॉ तनुजा नाफडे ने कंपोज किया है। ये धुन विवेक सोहल की कविता ब्रिग पर आधारित है। महर रेजिमेंट ने ब्रिटिश धुन को हटाकर भारतीय शास्त्रीय संगीत पर आधारित धुन को चलाए जाने का फैसला किया है। इस धुन को ऑफिशियल मार्टियल ट्यून के रूप दिसम्बर 2017 में स्वीकार कर लिया गया था। वहीं, 15 जनवरी 2019 को पहली बार 14 मिलिट्री बैंड ने एक साथ इस धुन को बजाया था।
ये खास बातें भी शामिल
इस बार आर्मी में शामिल किए गए नए हथियारों के अलावा महिला अर्द्धसैनिक बल द्वारा मार्च और सभी पुरुष टीमों का नेतृत्व महिला ऑफिसर करेंगी। बोफोर्स के आने के 30 साल बाद पहली बार आर्मी एम777 और के9 वज्र का प्रदर्शन करेगी। बड़े-बड़े हथियारों के अलावा परेड का मुख्य आकर्षण सेना की महिला शक्ति भी होगी। पहली बार महिला अर्द्धसैनिकों की टुकड़ी परेड में हिस्सा लेगी। यह टुकड़ी असम राइफल का हिस्सा है, जो देश का सबसे पुराना अर्द्धसैनिक बल है। इस टुकड़ी का नेतृत्व मेजर खुशबू कंवर करेंगी…Next
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