Gang Rapes in Delhi and NCR is a serious issue
दिल्ली, गुड़गांव और नोएडा की सड़कों में अगर कोई समानता है तो वह है यहां दिन-दहाड़े और आए दिन होने वाले गैंगरेप. लड़कियों के लिए रात को महानगर और एनसीआर में निकलना यानि अपनी इज्जत को अपने हाथ में रखकर निकलने जैसा है. एनसीआर तो वैसे भी क्राइम के लिए काफी कुख्यात है पर दिल्ली जैसे महानगर के पास होने के बाद भी यहां बदमाशों का बेखौफ होना पुलिस प्रशासन की लापरवाही और नाकामयाबी की तरफ इशारा करता है.
गैंगरेप की दो घटनाएं
अगर हाल की बात करें तो पिछले दो दिनों में गुड़गांव में दो गैंगरेप की घटनाएं सामने आई हैं जिसने राजधानी दिल्ली की काली रातों को और भी काली बना दिया है. पहली घटना 13 मार्च की है जहां विजय नगर बाईपास (एनएच-24) पर चलती कार में 4 युवकों ने शराब पिलाकर युवती से गैंग रेप किया. घटना के बाद नोएडा सेक्टर-51 में युवती किसी तरह कार से कूदकर उतर गई. दूसरी घटना की खबर 12 मार्च को आई जहां गुड़गांव के एक मॉल में काम करने वाली युवती को कार सवार छह बदमाश अगवा करके फ्लैट में ले गए और उसके साथ बारी-बारी से रेप किया. रेप करने के बाद उनकी योजना युवती को मारने की थी, लेकिन जान बख्श देने की गुहार पर छतरपुर मेट्रो स्टेशन के पास फेंक कर सभी आरोपी फरार हो गए.
प्रशासन की बेशर्मी
दो दिनों में दो गैंगरेप की खबरें आने के बाद गुड़गांव पुलिस प्रशासन के बयान ने भी बखेड़ा खड़ा कर दिया है. गुड़गांव के डिप्टी कमिश्नर ने आदेश जारी किए हैं कि 8 बजे के बाद किसी भी कामर्शियल संस्थानों या पब में महिला बिना श्रम विभाग की परमिशन के काम नहीं करेगी.
यह पहला केस नहीं है जहां महिलाओं के काम करने के तरीके या उनके कपड़ों को दोषी ठहराकर प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से दूर भाग रहा है. इससे पहले आंध्र प्रदेश के डीजीपी, कर्नाटक के मंत्री, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री आदि मिलते-जुलते बयान जारी कर चुकी हैं. जहां आंध्र प्रदेश के डीजीपी ने लड़कियों को भड़काऊ कपड़ों से दूर रहने को कहा था वहीं ममता बनर्जी ने नाइट क्लबों को बंद करने का फरमान जारी कर दिया था. इन फिजूल के बहानों के अतिरिक्त प्रशासन कुछ और करने को तैयार नहीं होता.
पिछले दिनों दिल्ली एक तरह से रेप कैपिटल बनकर उभर रही थी तो वहीं अब एनसीआर लगता है दिल्ली से यह उपाधि छिन लेगा. अगर जल्द ही प्रशासन ने बदमाशों पर शिकंजा नहीं कसा तो हालात बहुत खराब हो सकते हैं. इस तरह की घटनाएं समाज में फैलती अनैतिकता और शिष्टाचार के गिरते पैमानों की तरफ इशारा करते हैं.
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