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Geetika Sharma suicide case: क्या इतनी लाचार है हमारी पुलिस


Delhi Police Role in Geetika Sharma Case

दिल्ली पुलिस “सदैव आपके साथ आपके लिए” का नारा लिए भारत की राजधानी का बड़ा जिम्मा उठाए हुए है. यूं तो दिल्ली पुलिस ने कई अहम मौकों पर बेहतरीन काम किया है लेकिन ज्यादातर यही देखने में आता है कि दिल्ली पुलिस लाचार और बेबस ही अधिक दिखती है. अब आप गोपाल कांडा केस को ही ले लीजिए. हरियाणा के प्रभावी और जानी पहचानी शख्सियत गोपाल कांडा को दिल्ली पुलिस को पकड़ने में पूरे 12 दिन लग गए और वह भी तब जब खुद गोपाल कांडा ने आकर समर्पण किया.


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Gopal Kanda गोपाल कांडा की मेहरबानी

दिल्ली पुलिस की मुस्तैदी का इससे बड़ा कोई सबूत नहीं कि गोपाल कांडा जैसी हाई प्रोफाइल शख्सियत को भी पकड़ने में पुलिस को लगभग 2 हफ्तों का समय लगा. और वह भी भला हो गोपाल कांडा का जो उन्होंने खुद आकर समर्पण कर दिया वरना शायद अभी तक भी दिल्ली पुलिस गोपाल कांडा को पकड़ नहीं पाती.


इस केस ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि दिल्ली पुलिस गुनहगारों को पकड़ने में कितनी अक्षम साबित होती है? एक हाई प्रोफाइल व्यक्ति को पकड़ने में अगर इतनी देरी लगी तो सोच लीजिए सिर्फ स्कैच के द्वारा अगर किसी मुजरिम को पकड़ना हो तो दिल्ली पुलिस कितना समय लगाएगी.


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gopal-kanda-sl-2-2-2012कहीं सेटिंग का तो असर नहीं

यहां हम दिल्ली पुलिस की काबीलियत पर संदेह या सवाल नहीं कर रहे बल्कि यहां हम दिल्ली पुलिस के काम करने के तरीके पर सवाल कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस का सुस्त रवैया अकसर मीडिया में उछाला जाता है लेकिन बजाय उससे सीख लेने के दिल्ली पुलिस बार-बार ऐसी हरकतें दोहराती है. गोपाल कांडा के पास मोबाइल था, पुलिस को उसका चेहरा मालूम था, गैर जमानती वारंट था इसके बावजूद उसे गिरफ्तार ना कर पाने की कोई वजह नहीं पता चल रही है. दबी जबान में कुछ लोग इसे “सेटिंग” का नतीजा भी बता रहे हैं. अगर खबरों की मानें तो दिल्ली पुलिस वैसे भी “सेटिंग करने” (यानि मामला रफा दफा) करने में बहुत माहिर है.


दिल्ली पुलिस और प्रशासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए कि जब एक हाई प्रोफाइल केस का गुनहगार ऐसे खुला 12 दिनों तक घूम सकता है तो आम जनता किस भरोसे पुलिस से न्याय की उम्मीद करे. छोटे और कम नामचीन गुनाहगारों तो शायद पुलिस ट्रेस ही ना कर पाए. ऐसे में प्रशासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए और पुलिस को अपनी कार्यशैली में तेजी और चुस्ती लाने की जरूरत है. तभी जाकर “दिल्ली पुलिस- सदैव आपके साथ” का नारा सफल हो पाएगा.

Please post your comment on : दिल्ली पुलिस की धीमी रफ्तार के विषय में आपकी क्या राय है?


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Tag: Geetika Suicide case, Geetika and Gopal Kanda Relationship, Gopal Kanda, hindi news blogs, daily news

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