दिल हमारे शरीर का सबसे नाजुक किंतु सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है. इसकी सुरक्षा के लिए प्रकृति ने हमारे शरीर की बनावट ऐसी बनाई है कि विपरित से विपरित स्थितियों में भी दिल को कोई नुकसान न पहुंचे. सोचिए अगर किसी का दिल फेफड़े के मजबूत सुरक्षा कवच के बाहर स्थित हो तो उसे किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है तथा उसे अपने दिल की सुरक्षा के लिए कितने जतन करने पड़ते होंगे. हालांकि यह बेहद ही दुर्लभ चिकित्सीय स्थिति है और एक मिलियन में करीब पांच लोगों को होती है. इन्हीं पांच लोगों में से एक है छह साल की विरसाविया बोरन.
इस छह साल की लड़की का दिल सीने के बाहर है. पेट और छाती के बीचों-बीच धड़कते इस लड़की के दिल को आप साफ-साफ देख सकते हैं. विरसाविया बोरन रूस की मूल निवासी है जो अब अपनी मां के साथ दक्षिणी फ्लोरिडा में शिफ्ट हो गई हैं. जन्म से ही कई बीमारियों से जूझ रहीं बोरेन का दिल एक मुट्ठी की तरह है और उसके ऊपर महज एक पतली सी चमड़ी की सुरक्षा है. बोरेन की आंते भी शरीर के बाहर है और उसके शरीर में उदर की मांसपेशियां भी नहीं है.
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देखने में बोरन बिल्कुल सामान्य बच्ची की तरह है. एक खुशदिल और जिंदादिल लडकी जिसे पेंटिंग और बेयोंसे के गानों पर झूमना बहुत पसंद है विरसाविया ठंडे माहौल में नहीं रह सकती है इसीलिए वे फ्लोरिडा शिफ्ट हो गई है. अपनी इस दुर्लभ बीमारी के चलते बच्ची स्कूल नहीं जाती है लेकिन वो घर पर रहकर ही अंग्रेजी सीख रही है.
बोस्टन के एक डॉक्टर ने बोरन की मां को विश्वास दिलाया है वे उसके इलाज को लेकर आशावान हैं. बोरेन की मां एक सिंगल मदर हैं और उनके लिए बच्ची की दवाइयों और इलाज का खर्च उठा पाना मुश्किल हो रहा है. बोरन की मां डारी बोरन का कहना है कि ‘जब वो गर्भवती थीं तभी डॉक्टरों ने कह दिया था कि उनकी होने वाली बच्ची जिंदा नहीं बचेगी. आज बोरेन 6 साल की हो गई है लेकिन उसे अपने दुर्लभ मेडिकल कंडीशन से हर क्षण संघर्ष करना पड़ता है.’
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डॉक्टरों के अनुसार अभी बच्ची की सर्जरी नहीं की जा सकती है क्योंकि उसके पल्मोनरी अरोटा में ब्ल्ड-प्रेशर हाई है. आने वाले सालों में एक बार फिर बच्ची का परीक्षण किया जाएगा और ये सुनिश्चित करने की कोशिश की जाएगी कि उसकी सर्जरी की जा सकती है या नहीं. Next…
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