80-90 के दशक में भारत के गांव-कस्बों में यदि कोई बच्चा गणित में होशियार हो तो उसके बारे में कहा जाता था कि वह शकुंतला देवी बन रहा है. अब आप सोच रहे होंगे कि ये शकुंतला देवी कौन है? मानव कंप्यूटर के नाम से विख्यात शंकुतला देवी (Shakuntala Devi) भारत की प्रख्यात गणितज्ञ थी. आप यकीन नहीं करेंगे, उन्होंने अपने समय के सबसे तेज माने जाने वाले कंप्यूटरों को गणना में मात दी थी. गत सोमवार यानि कल प्रमुख सर्च इंजन गूगल ने शकुंतला देवी के जन्मदिवस के अवसर पर कैलकुलेटर फॉंट और शकुंतला देवी की हंसती हुई मुखाकृति के साथ उन्हें सम्मानित किया.
मानसिक गणनाएं पलक झपकते ही कर लेने में माहिर शकुंतला देवी का जन्म 4 नवंबर 1929 को बैंगलुरु में हुआ था. शकुंतला देवी एक गरीब परिवार में जन्मीं थीं जिस कारण वह औपचारिक शिक्षा भी नहीं ले पाई थीं. उनके पिता सर्कस में एक कलाकार थे. शकुंतला देवी जब तीन वर्ष की थीं तब ताश खेलते हुए उन्होंने कई बार अपने पिता को हराया. पिता को जब अपनी बेटी की इस क्षमता के बारे में पता चला तो उन्होंने सर्कस छोड़ शकुंतला देवी पर सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करना शुरु कर दिए और उनकी क्षमता को भी प्रदर्शित किया.
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हालांकि अपने पिता के जरिए रोड शो करने वाली शकुंतला देवी को अभी भी दुनिया में पहचान नहीं मिली थी. लेकिन जब वह 15 साल की हुईं तब राष्ट्रीय मीडिया सहित अंतरराष्ट्रीय मीडिया में उन्हें पहचान मिलने लगी. शकुंतला देवी उस समय पहली बार खबरों में आईं जब बीबीसी रेडियो के एक कार्यक्रम के दौरान उनसे अंकगणित का एक जटिल सवाल पूछा गया और उसका उन्होंने तुरंत ही जवाब दे दिया. इस घटना का सबसे मजेदार पक्ष यह था कि शकुंतला देवी ने जो जवाब दिया था वह सही था जबकि रेडियो प्रस्तोता का जवाब गलत.
तब शकुंतला देवी की इस अद्भुत क्षमता को देखकर हर कोई उन्हें समय-समय पर परखना चाहता था. 1977 में शकुंतला देवी को अमेरिका जाने का मौका मिला. यहां डलास की एक युनिवर्सिटी में उनका मुकाबला आधुनिक तकनीकों से लैस एक कंप्यूटर ‘यूनीवैक’ से हुआ. इस मुकाबले में शकुंतला को मानसिक गणना से 201 अंकों की एक संख्या का 23वां मूल निकालना था. यह सवाल हल करने में उन्हें 50 सेकंड लगे, जबकि ‘यूनीवैक’ नाम के ने कंप्यूटर ने इस काम के लिए 62 सेकंड का समय लिया. इस घटना के तुरंत बाद ही दुनिया भर में शकुंतला देवी का नाम भारतीय मानव कंप्यूटर के रूप में प्रख्यात हो गया.
Google Honours Human Computer Shakuntala Devi
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