वर्तमान भारत के उत्तर-प्रदेश राज्य के मेरठ जिले के पास छोटा सा कस्बा है हस्तिनापुर, जो कभी प्राचीन भारत और कौरवों की राजधानी हुआ करता था. हस्तिनापुर के विषय में तो कभी न कभी हम सभी ने पढ़ा और सुना होगा. कौरवों और पांडवों के बीच हुई कुरुक्षेत्र की ऐतिहासिक लड़ाई भी इसी हस्तिनापुर के सिंहासन पर बैठने के लिए हुई थी. लेकिन भारतीय हस्तिनापुर से संबंधित कुछ लोग ही यह जानते होंगे कि यहां से हज़ारों मील दूर अर्जेंटीना, जोकि लैटिन अमेरिका का एक देश है, में भी भारतीय हस्तिनापुर के हमनाम एक स्थान का विकास हो रहा है. सन 1981 में विदेशी हस्तिनापुर की नींव रखने के अलावा अर्जेंटीनियाई लेखिका अदा अलब्रेश्त ने भारतीय दर्शन शास्त्र को भी यहां प्रचलित करने के लिए कई प्रयास किए साथ ही भारतीय संस्कृति से प्रभावित हो लेखिका और संस्थापिका अलब्रेश्त ने इस पर दो कृतियां “द सेंट एण्ड टीचींग्स ऑफ इण्डिया” और “द टीचींग्स ऑफ द मॉंक्स फ्रॉम हिमालया” भी लिखी.
बारह एकड़ के भू स्थान पर फैला यह अमेरिकी हस्तिनापुर अब पूर्ण रूप से भारतीय परंपराओं और मान्यताओं के लिए एक विशिष्ट स्थान बन चुका है जिसकी आबो-हवा में अगरबत्तियों की खुशबू के रूप में भारतीय पूजा-पद्वत्ति महकती है.
भारतीय रीति-रिवाजों और संस्कृति की तर्ज पर यहां जगह-जगह हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियों के साथ-साथ पांडवों को समर्पित एक मंदिर का भी निर्माण किया गया है जिनकी देखभाल खुद अर्जेंटीनियाई लोग ही करते हैं. हज़ारों की संख्या में अर्जेंटीनियाई श्रद्धालु अपनी भागती दौड़ती और तनाव से भरी जीवनशैली से कुछ समय के लिए ही सही विराम लेने के लिए यहां आते हैं.
इस नए हस्तिनापुर का महत्व केवल इसके धार्मिक महत्ता तक ही सीमित ना रहकर इससे कहीं ज्यादा विस्तृत है. मंदिरों और देवी-देवताओं की मूर्तियों के अलावा यहां मनुष्य को आत्मिक शांति और सामाजिक समझ की ओर अग्रसर करने के लिए ध्यान, योग आदि से संबंधित शिविर चलाए जाते हैं. अपने इन्हीं विशेषताओं के कारण अर्जेंटीना को city of wisdom (वह स्थान जिसका सीधा संबंध व्यक्ति की बुद्धिमत्ता से हो) कहा जाता है.
मंदिर के सेवादारों में वे लोग भी शामिल हैं, जो पेशे से वकील, इंजीनियर और उच्च पदों पर कार्यरत हैं और अपने खाली समय में यहां सेवा करते हैं. उन्हीं के द्वारा श्रद्धालुओं और गरीब व असहाय लोगों के लिए पूर्ण रूप से शाकाहारी भोजन तैयार किया जाता है. गुलाब की झाड़ियों और पेड़-पत्तों की हरियाली से घिरा यह स्थान इतना शांत और सुखद है कि चिड़ियों और पक्षियों के चहचहाने के अलावा और कोई शोर सुनाई नहीं देता.
हस्तिनापुर की सबसे खास बात यह हैं कि नि:संदेह यह हिंदू धर्म पर आधारित एक धार्मिक स्थान है पर यहां सभी धर्मों को एक समान और एक साथ रखा गया है. हिंदू देवी-देवताओं के अलावा यहां बौद्ध धर्म, ईसाइयत और यूनानी देवी ‘देमेतर’ से संबंधित भी स्थान बनाए गए हैं. इसके अलावा यहां एक स्थान ऐसा भी है जहॉ सभी धर्मों से संबंधित कृतियां और मूर्तियां रखी गई हैं, जिसे Temple of all Faith अर्थात सभी धर्मों से संबंधित मंदिर कहा जाता है. यहॉ गणेश चतुर्थी और बैसाखी जैसे हिंदू धर्म से संबंधित त्यौहार बड़ी धूम-धाम से मनाने के साथ-साथ कई ग्रंथों जैसे भागवदगीता, उपनिषद, भक्ति सूत्र आदि को भी प्रकाशित किया जाता है.
इस नवनिर्मित हस्तिनापुर की शाखाएं केवल अर्जेंटीना में ही नहीं बल्कि लैटिन अमेरिका के अन्य देशों कोलंबिया, उरुग्वे, बोलीविया आदि में भी हैं.
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