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ब्लॉक हुए डेबिट और क्रेडिट कार्ड से ऐसे हो रही है ठगी, ऑनलाइन यूज करते हैं तो ऐसे रखें अपने कार्ड को सेफ

आप कहीं घूमने जा रहे हैं और भीड़ भरी ट्रेन या बस में कोई आपकी पॉकेट काट लेता है। ऐसे में सबसे पहले आप अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड को ब्लाक कराते हैं।  डिजीटल युग में ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में पैसों से जुड़ी चीजों को एक्स्ट्रा सेफ्टी के साथ रखना कोई मजाक वाली बात नहीं है।
लेकिन कार्ड को ब्लॉक करा देने के बाद भी आप ठगी से सेफ नहीं है, दरअसल, चोरी के इन डेबिट और क्रेडिट कार्ड की दिल्ली-एनसीआर के चोर बाजारों में खूब बोली लग रही है। लोग 100 से 150 रुपये तक प्रति कार्ड चुकाने को तैयार हैं। इसकी वजह जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। दरअसल, इन कार्डों के जरिए एटीएम में आने वाले लोगों को ठग अपना शिकार बना रहे हैं। ऐसे ही गिरोह के एक सदस्य को दिल्ली पुलिस ने बाबा हरिदास नगर से गिरफ्तार किया है। यह व्यक्ति कबाड़ी और चोरों से 100 से 150 रुपये में कार्ड खरीददता था। फिर एटीएम में आए लोगों की मदद के नाम पर उनका पिन पता चलने के बाद उनके असली कार्ड को इस कार्ड से बदल लेता था। मिली जानकारी के अनुसार बेकार डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड में भी बैंक के हिसाब से कीमत तय होती थी। एसबीआई और पीएनबी के बैंकों के कार्ड की कीमत भी अधिक होती थी और वह हाथों हाथ बिक जाते थे।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal10 Oct, 2018

 

 

क्रेडिट-डेबिट कार्ड सेफ्टी टिप्स

मशीन चेक करें
एटीएम का इस्तेमाल करने से बचें जिनमें अलग पैटर्न हो। ट्रांजेक्शन पूरा करने के लिए पिन नंबर दो बार डालना। यह जरूर चेक करें कि मशीन से कोई छेड़ छाड़ नहीं की गयी हो। अगर मशीन टूटी, खुली या क्षतिग्रस्त लग रही हो तो इसका मतलब यह हो सकता है कि मशीन में कार्ड का डेटा चुरने के लिए कुछ लगाया गया हो।

कीपैड ढकें
पिन नंबर डालते समय यह सुनिश्चित करें कि न तो कोई व्यक्ति आपको देख रहा हो और न ही कोई कैमरा वगैरह आसपास हो। किसी की मदद नहीं लें
अपने एटीएम कार्ड का इस्तेमाल अकेले करें। अगर बैंक के ब्रांच के साथ का एटीएम हो और वहां गार्ड न हो तो इसका विशेष ध्यान रखें। किसी भी स्थिति में अनजान व्यक्ति की मदद नहीं लें।

सेफ साईट यूज करें
ई-शॉपिंग के लिए हमेशा ट्रस्टेड साइट्स पर ही जाएं। साईट पर पेमेंट करने या अपनी जानकारी डालने से पहले सिक्योर सॉकेट्स लेयर (एसएसएल ) सर्टिफिकेट को चेक करें। इसे चेक करने के लिए ब्राउज़र के यूआरएल बॉक्स के बाद लॉक सिम्बल को चेक करें। इसके अलावा जरूरी है कि ब्राउज़र https प्रोटोकॉल यूज करता हो ना कि http । यहां एस सिक्योर को रिप्रेजेंट करता है। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि किसी भी साइट पर अपनी कार्ड डीटेल्स सेव न करें।

 

एंटी वायरस सॉफ्टवेयर
बैं एटीएम नेटवर्क के लिए सिक्योरिटी की व्यवस्था करते हैं, व्यक्तिगत तौर पर आप अपने कम्प्यूटर या स्मार्टफोन में एंटीवायरस का प्रयोग करें। इससे आपका ट्रांजेक्शन सुरक्षित रहेगा।

डेबिट कार्ड
ई कॉमर्स ट्रांजेक्शन के लिए अपने डेबिट कार्ड को यूज न करें। अगर आपके कार्ड का डेटा चोरी होता है तो इससे आपके बैंक खाते में जमा सारी रकम गायब हो जाएगी। इसकी जगह क्रेडिट कार्ड का यूज करने से आपको पेमेंट करने में एक महीने का ग्रेस पीरियड मिलता है, जिससे आप बैंक से गलत खर्च संबंधी जांच पड़ताल करा सकते हैं।

सीवीवी छुपाएं
जब आप सीवीवी नंबर डालें तो इसे सुरक्षित रखने का प्रयास करें। खासतौर पर विदेशी वेबसाइट्स पर शॉपिंग करते वक़्त इसका ज्यादा ख्याल रखें क्योंकि वहां वेरिफिकेशन के लिए यही एक इम्पोर्टेंट पॉइंट है।

पब्लिक वाई फाई
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने के मामले में असुरक्षित वाई फाई या पब्लिक वाई फाई का प्रयोग न करें। यहां आपकी डीटेल्स चोरी होने की आशंका अधिक है।

 

 

एलर्ट के लिए रजिस्ट्रेशन
हर तरह के ट्रांजेक्शन के लिए एलर्ट सेवा लें। एटीएम या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के मामले में बैंक तुरंत एसएमएस भेजते हैं। अगर आप मोबाइल बदल रहे हैं तो बैंक को तुरंत इस बारे में सूचित करें।

लॉग आउट करें
डेटा सिक्योरिटी के लिए लॉग आउट करना जरूरी है। सोशल मीडिया साईट या दूसरे ऑनलाइन अकाउंट से लॉग आउट कर ही उसे बंद करें। स्मार्टफोन में पासवर्ड सेव करने से बचें क्योंकि मोबाइल चोरी होने पर आपका डेटा भी गलत हाथों में जा सकता है…Next

 

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