तेज रफ्तार किसे पसंद नहीं होती. हर कोई कम समय में लम्बी से लम्बी दूरी तय करके अपनी मंजिल तक पहुंचना चाहता है. आधुनिक परिवेश में यातायात के साधनों में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिला है. लेकिन क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आपको किसी मींटिग या किसी रिश्तेदार के घर 1 घंटे से भी कम समय में पहुंचना हो, और आपकी उम्मीद से परे आप केवल 40 मिनट में मिलों की दूरी तय कर लें. जी हां, ये कोई सपना नहीं बल्कि हकीकत है.
पिछले दिनों पूरे देश को एक समान मेट्रो रूट के साथ जोड़ने की योजना को अमल में लाने का काम तेजी से आगे बढ़ता हुआ दिख रहा है. इसकी शुरुआत दक्षिण भारत के केरल के महानगरों के बीच चलाई जाने वाली मेट्रो से हो चुका है. हांलाकि, इसके लिए देशवासियों को 2022 तक का इंतजार करना पड़ेगा. करीब 350 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली इस मेट्रो में एक साथ 817 यात्री सफर कर सकते हैं. केरल मेट्रो के इस सुपरफास्ट फेज में तिरुवनंतपुरम और कन्नूर के बीच का सफर आसानी से 40 मिनट में तय किया जा सकता है. इस दौरान मेट्रो कोल्लम, चेंगन्नुर, कोट्टायम, एर्नाकुलम, त्रिशूर, कोझिकोड, वलांचेरी स्टेशनों पर रुकेगी.
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आसानी से चलने के लिए करीब 190 किलोमीटर सतह पर एलिवेटेड लाइन्स बिछाई जाएगी. जबकि भूमिगत कोरिडोर 110 किलोमीटर क्षेत्र को कवर करेगा. शोर्ध के अनुसार सुपरफास्ट मेट्रो के इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए करीब 600 हेक्टेयर भूमि की जरुरत पड़ेगी. वहीं दूसरी ओर आधुनिकता की कीमत चुकाने के तौर पर करीब 36,000 पेड़ों को काटा जाएगा. जबकि 3800 इमारतों पर बुलडोजर चलना तय माना जा रहा है. बहरहाल, मेट्रो के इस फेज की शुरुआत होने से पूरे भारत को जोड़ने की कवायद को नई दिशा जरूर मिलेगी…Next
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