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पूरे गांव में नहीं मिली रस्सी तो महिलाओं ने अपनी साड़ी देकर बचाई इनकी जान

किसी ने सही ही कहा है कि बूदं-बूंद से घड़ा भरता है, यानि जिदंगी में किए गए छोटे-छोटे प्रयास मिलकर एक नई मिसाल कायम कर सकते हैं. चलिए, अब इस कहावत को थोड़ा बदल देते हैं ‘साड़ी-साड़ी’ को जोड़कर रस्सी जैसा काम लिया जा सकता है. जी हां, पहली बार ये बात सुनकर आपको थोड़ा अटपटा लग सकता है लेकिन मध्यप्रदेश के जबलपुर में कुछ लोगों की ऐसी ही सूझबूझ ने एक महिला को डूबने से बचा लिया है. दरअसल आशा देवी नाम की 30 साल की एक महिला ने अपने 7 साल के बेटे के साथ एक नदी में छलांग लगा दी. कुछ लोगों ने महिला को नदी में कूदते हुए देख लिया.


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जिसके बाद वहां मौजूद लोगों द्वारा महिला और उसके बच्चे को बचाने की कवायद शुरू हो गई. महिला को बचाने में मुख्य भूमिका वहां उपस्थित सिक्योरिटी गार्ड की रही. ‘ओम’ नाम के इस गार्ड ने बताया कि ‘मुझे देखकर लगा जैसे महिला ने अपने बेटे के साथ खुद नदी में छलांग लगाई है. लेकिन क्या पता उसका पैर फिसल गया हो. जो भी हो लेकिन मैंने उन्हें बचाने के लिए नदी में छलांग लगा दी. तभी वहां खड़े लोगों ने आसपास के घरों में जाकर रस्सी मांगने की कोशिश की, लेकिन इतनी बड़ी रस्सी किसी के पास नहीं मिली. तभी कुछ लोगों को एक नई तरकीब सूझी.


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लोगों ने महिलाओं की साड़ी इकट्ठी करके उसके सिरों को आपस में बांधकर रस्सी बना लिया और मेरी तरफ फेंका. साथ ही इस रस्सी के सहारे कुछ लोग नदी के पास उतरकर आए. जिसकी मदद से मैंने उस महिला को बचा लिया. लेकिन उस बच्चे का कुछ पता नहीं चला’. उल्लेखनीय है कि आशा देवी नाम की इस महिला को बचा लिया गया है लेकिन उसके सात साल के बच्चे का कुछ अता-पता नहीं है. महिला को अपने बच्चे की मौत की खबर पता चलने के बाद से, वो सदमे में है और कुछ बोल नहीं पा रही है. जिसके कारण इस घटना की सही वजह का अभी साफ-साफ पता नहीं चल पाया है…Next

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