समस्या किसी भी तरह की हो लेकिन उसका समाधान आत्महत्या नहीं हो सकता है. जिन्दगी के सभी रंगों को बुलंद हौसलों के साथ जीना ही मावन जीवन का उद्देश्य होना चाहिए. लेकिन हैरानी तब होती है जब पढ़े-लिखे और समझदार व्यक्ति भी खुदखुशी के बारे में सोचते हैं. आपको जानकार हैरानी होगी कि बैंगलुरू के ईशा हांडा ने 48 घंटों से खुदखुशी के लिए उपयुक्त साधन खोजा. उन्होंने शहर के कई इमारतों को देखा और उनमें से एक को अपने जीवन लीला समाप्त करने के लिए चुना. अब सवाल उठता है कि ईशा हांडा ने ऐसा क्यों किया?
ईशा हांडा कोई साधारण नाम नहीं थी. ईशा बैंगलुरु के थिएटर सर्किल में एक जाना-माना नाम है. वह तीन साल पहले ही इस शहर में आई थी और अपनी मेहनत के बल पर शहर में नाम कमाया. ईशा के “लिंक्डइन” प्रोफाइल से पता चलता है कि वह “स्टे ग्लैड” के फाउंडर मेंबर्स में से एक थी. “स्टे ग्लैड’’ यह एक प्रकार का सैलून है जो घरेलु सेवा प्रदान करता है.
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ईशा ने रूममेट को यह कहा कि वह एक निजी काम से बाहर जा रही है. ईशा ने एक कैब ली और शहर के कई अलग-अलग इमारतों का निरीक्षण किया. घंटों निरीक्षण करने के बाद ईशा ने अपने आत्महत्या के लिए नया निर्माण हुआ “सोभा क्लासिक बिल्डिंग” को चुना.
प्राप्त सूचनाओं के अनुसार ईशा ने करीब 8 बजकर 30 मिनट में सोभा क्लासिक बिल्डिंग की 13वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली. छलांग लगाने के बाद घटना स्थल पर ही ईशा की मौत हो गई. उसके सिर, पैर और चेहरे सहित शरीर में कई फ्रैक्चर थे . पुलिस रिपोर्ट के अनुसार ईशा पिछले दो दिनों से आत्महत्या की योजना बना रही थी. साथ ही पुलिस ने यह भी कहा है कि ईशा ने इन्टरनेट पर आत्महत्या के लिए 89 साइटों पर खोज-बिन किया. वैसे मौत की वजह लव अफेयर माना जा रहा है.
हालाँकि पुलिस को अभी यह पता नहीं चल पाया है कि ईशा ने आत्महत्या करने से पहले इतने इमारतों की छानबीन क्यों की? यह प्रश्न अभी भी पुलिस के लिए एक गुत्थी बनी हुई है. पुलिस इस केस को लेकर ईशा के साथ रिलेशनशिप में रह रहे अभिनव साहू से भी पूछताछ कर रही है.Next…
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