Menu
blogid : 314 postid : 1299

फर्जी मुठभेंड़ों की सरदार बनती गुजरात पुलिस

गुजरात यूं तो भारत के सबसे विकासित राज्यों में से एक है जहां प्रगति और उन्नति तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है पर शायद ही कोई यह भूल सकता है कि यह गुजरात ही था जिसने कभी अपनी धरती पर दंगों और आतंकवाद को करीब से छुआ था. आज गुजरात के घाव तो भर गए हैं लेकिन गेंहू के साथ घुन के पिसे जाने जैसी हालत में कुछ ऐसे पीड़ित भी हैं जिनकी कहानी रह-रह कर बाहर आ ही जाती है. सब जानते हैं नरेंद्र मोदी ने गुजरात के लिए बहुत कुछ किया है पर इसके साथ ही उन पर मुस्लिमों का दमन और हिंदूवाद को बढ़ावा देने के गंभीर आरोप भी लगे हैं. अब आरोपों की लिस्ट में नया नाम शामिल हुआ है मुंबई की कॉलेज छात्रा इशरत जहां और उसके तीन साथियों के फर्जी एनकाउंटर का.


गुजरात पुलिस पर इससे पहले गैंगस्टर सोहराबुद्दीन, उसकी पत्नी कौसर बी और तुलसी प्रजापति की हत्या का दाग लगा था. अभी इन मामलों में गुजरात पुलिस को क्लीन चिट मिली भी नहीं है कि एक नया दाग गुजरात पुलिस पर लग गया है. हाईकोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच दल [एसआईटी] ने पाया है कि मुंबई की कॉलेज छात्रा इशरत जहां और उसके तीन साथियों को पुलिस ने पहले ही मार दिया था और करीब 12 घंटे बाद बनावटी कहानी बनाकर उनकी हत्या को मुठभेड़ में हुई मौत के रूप में दर्शाया गया.


ऐसा आपने फिल्मों में तो बहुत देखा होगा पर असल जिंदगी में गुजरात पुलिस ने जो किया उसे देख पुलिस का खौफनाक चेहरा हमारे सामने आ जाता है. दिल्ली पुलिस, मुंबई पुलिस, यूपी पुलिस और बिहार पुलिस भी इस तरह के कई आरोपों में शामिल हो चुकी है पर वहां पीड़ितों को ज्यादा से ज्यादा पिटाई कर या हाथ पांव तोड़कर छोड़ दिया जाता है लेकिन गुजरात पुलिस ने तो एक कदम आगे बढ़ सीधे एनकाउंटर ही कर डाले हैं.


Ishrat Jahan क्या था मामला

गुजरात पुलिस ने 15 जून, 2004 को 19 वर्षीय इशरत जहां, जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्लै और पाकिस्तानी नागरिक अमजद अली राना व जीशान जौहर को अहमदाबाद के सरदार पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के करीब कोतरपुर में एक मुठभेड़ में मार गिराया था. पुलिस ने दावा किया था कि ये चारों पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे और मुख्यमंत्री मोदी की हत्या की फिराक में थे.


अगर एसआईटी की खबर सही है तो यह भारत में रहने वाले हर भारतीय के लिए एक खतरनाक खबर है. कल को कोई भी पुलिसवाला आप पर गलत आरोप थोप आपका एनकाउंटर कर सकता है. अगर ऐसा होता है तो कल जो गुजरात की इशरत के साथ हुआ वह कल को किसी और के साथ भी हो सकता है.


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh