वह बचपन से ही खेलते-कूदते, पढ़ते-लिखते हर वक्त सिर्फ एक सपना देखता था. सपना कि उसे एक दिन पायलट बनना है. उसे आसमान में अपना करतब दिखाना है. समय के साथ इथोपिया के असमेलाश जेफरू बढ़ते गए पर उनकी ऊंचाई इतनी नहीं बढ़ी कि वह एक प्रोफेशनल पायलट बन पाते. 14 साल पहले ईथोपियन एयरलाइंस के पायलट स्कूल में उन्हें इसलिए छांट दिया गया था, क्योंकि वह ऊंचाई की शर्त पर खरे नहीं उतर पाये थे. वह सिर्फ एक सेंटीमीटर छोटे थे. आज असमेलाश जेफरू 35 साल के हैं और अपने बचपन के सपने को नए अंदाज में जी रहे हैं.
असमेलाश जेफरू की ऊंचाई ने उन्हें व्यवसायिक पायलट बनने से तो रोक दिया लेकिन उन्हें खुद अपनी हवाई जहाज बनाकर उड़ाने से दुनिया की कोई भी चीज रोक न सकी. इस जाहाज को उन्होंने लकड़ी और एल्यूमीनियम जैसे धातु के टुकड़ों का प्रयोग करके बनाया है.
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असमेलाश ने अपने विमान का नाम के-570ए रखा है. उन्होंने के अक्षर अपनी मां के नाम ‘किरोस वोल्डी माइकल’ से लिया. 570 से तात्पर्य यह है कि इसे बनाने में 570 दिन लगे और ए का मतलब विमान यानी, एयरक्राफ्ट है. पहली बार पिछले साल जून में इस विमान को उड़ाने की उनकी कोशिश सफल नहीं हुई.
दूसरी कोशिश वह अगले कुछ सप्ताह में अपने घर से लगे घास के एक विशाल मैदान में करने वाले हैं. उन्होंने दावा किया है कि वह विमान को 10 मीटर की ऊंचाई तक उड़ा लेंगे. असमेलाश ने चीन की दूरसंचार कंपनी जेटीई के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके तहत कंपनी उनके प्रयोगों के लिए संरक्षक की भूमिका निभा रही है.
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असमेलाश ने कहा कि निर्णायक परीक्षण उड़ान के लिए जेडटीई का संरक्षण पाकर वह बेहद खुश है. उसने कहा कि मैंने हर चीज सुलझा ली है. इंजन को बेहतर बना दिया है और अब हर चीज मेरी निर्णायक उड़ान के लिए पूरी तरह से तैयार है.
उन्होंने उम्मीद जताई है कि के-570ए एक ब्रांड बन सकता है और 2031 तक इसका निर्माण शुरू हो सकता है. असमेलाश ने कहा कि वह बचपन से उस स्थान पर विमान उतारना चाहते हैं और वहां से उड़ाना चाहते हैं, जहां वह खेलकूद कर बड़े हुए हैं. Next…
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