तमिलनाडु में एआईएडीएमके (AIADMK) की नेता जयललिता (Jayalalitha) ने मुख्यमंत्री (CM) पद की शपथ ली. जयललिता के साथ मद्रास यूनिवर्सिटी (Madras University) के ऑडिटोरियम में 34 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली. 63 साल की जयललिता ने तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. तमिलनाडु में शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी और लेफ्ट के अलावा कई पार्टियों के नेता शामिल हुए.
जयललिता की छवि एक मजबूत इरादे वाली महिला नेता की है जो किसी भी तरह के कठोर फैसले लेने में सक्षम हैं. अभिनय की दुनिया से निकलकर राजनीति में देश की एक प्रसिद्ध नेता बनने तक का सफर जयललिता के लिए बेहद संघर्ष भरा रहा है. अपने राजनीतिक गुरु एम जी रामचंद्रन के सहयोग से वह तमिलनाडु की राजनीति में आज एक बहुत ही ताकतवर शख्स बन चुकी हैं. 1982 में एम जी रामचंद्रन उन्हें राजनीति में लेकर आए थे और पहली बार 1991 में वो तमिलनाडु की मुख्यमंत्री चुनी गईं. उसके बाद उन्हें दुबारा 2001 में मुख्यमंत्री पद के लिए निर्वाचित किया गया था.
जयललिता के बारे में एक बात और मशहूर है कि वह ज्योतिष में बहुत विश्वास रखती हैं. दोपहर सवा बारह बजे का जो वक्त 63 वर्षीय जयललिता ने शपथ ग्रहण के लिए चुना है, उसके पीछे ज्योतिष का कनेक्शन देखा जा रहा है. ज्योतिषियों के मुताबिक सुबह साढ़े सात से नौ बजे तक राहु काल है और साढ़े दस से दोपहर बारह बजे यम गण्ड है. ये दोनों वक्त नए कार्य के लिए शुभ नहीं माने जाते हैं. यही वजह है कि जयललिता ने इसके बाद का समय चुना है. गौरतलब है कि करुणानिधि के उलट जयललिता भगवान और ज्योतिष पर गहरी आस्था रखती हैं. ज्योतिषियों के मुताबिक अगले तीन साल जयललिता के लिए शानदार हैं.
तमिलनाडु में “अम्मा” के नाम से मशहूर जयललिता के समर्थकों की अच्छी खासी संख्या हैं, लोग उन्हें बहुत सम्मान देते हैं. इस बार के चुनाव में करुणानिधि को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आड़े हाथों लेने वाली जयललिता पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं लेकिन वह गुजरा हुआ समय बन चुका है. आज के तमिलनाडु में एक बार फिर मुख्यमंत्री जयललिता की छाप देखने को मिलेगी.
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