तिहाड़ जेल भारत का सबसे बड़ा कैदी गृह है जहां समाज के दुश्मनों को कैदियों के रूप में सजा काटने के लिए रखा जाता है. यह जेल हमेशा किसी ना किसी कारण से चर्चा का विषय रहता ही है. लेकिन हाल के सालों में तिहाड़ अपने अच्छे कामों की वजह से चर्चा में ज्यादा रह रहा है. आज तिहाड़ के अंदर का माहौल इतना अच्छा हो चुका है कि आम आदमी जिन्हें समाज में जीने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है वह इसे अपने लिए एक अच्छा विकल्प मानते हैं.
किरण बेदी ने तिहाड़ जेल में सुधार कार्य शुरू किए थे. जो सुधार कार्य किरण बेदी ने शुरू किए उसका परिणाम आज सामने आ रहा है. तिहाड़ जेल आज ना सिर्फ कैदियों को रखने की जगह बन चुकी है बल्कि अब इसमें रहने वाले कैदी अपने आने वाले जीवन को सही करने के लिए सही दिशा में कदम भी बढ़ा रहे हैं. पहले कैदियों ने तरह-तरह के घरेलू उत्पाद मार्केट में ला लोगों के दिलों को जीता तो अब मौका है कि वह अपनी पहचान को और भी मजबूत कर सकें. जल्द ही जो कैदी जेल में अपनी सजा भुगत रहे थे वह कुछ समय बाद किसी मल्टी नेशनल कंपनी या बड़ी कंपनी में जॉब करते दिखेंगे.
हाल ही में तिहाड़ जेल के अंदर कैंपस प्लेसमेंट कराई गई जिसमें कई नौकरियों के लिए तिहाड़ की अलग अलग जेलों से 46 कैदियों को चुना गया. इन कैदियों में सजायाफ्ता और विचाराधीन दोनों ही कैदी शामिल थे. तिहाड़ भारत की पहली ऐसी जेल है जहां कैदियों को छूटने के बाद उनका रोजगार सुनिश्चित करने की पहल की जा रही है. रोजगार पाने वालों में महिला और पुरूष दोनों ही शामिल हैं.
छः लाख का पैकेज
रोजगार पाने वालों में एक नाम संदीप कुमार सिंह का है जिसे 6 लाख रुपये का पैकेज मिला है. यह नौकरी डिवेलपमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने दी है. कंपनी में उसे बिजनेस डिवेलपमेंट मैनेजर का पद दिया गया है. गौरतलब है कि संदीप कुमार ने कभी एक व्यक्ति का अपहरण कर उसके घर वालों से फिरौती मांगी थी. गुलाब सिंह चौहान और बालाजी नाम के दो कैदियों को भी उसी के समकक्ष पैकेज मिला है. जेल में एक कैदी ऐसा भी था जिसे एक कंपनी ने 15 लाख रुपये तक ऑफर दिया था, मगर अभी उसके छूटने में काफी समय बचा है.
बेहतरीन अवसर
माना जाता है कि एक इंसान तभी जुर्म करता है जब उसके सामने विपरीत परिस्थितियां हों या कोई काम या जॉब ना हो. बेरोजगारी गुनाह को सबसे ज्यादा बढ़ावा देती है. इसलिए तिहाड़ जेल का यह कदम सबसे बेहतरीन और कारगर साबित हो सकता है. अगर जेल से निकलने के बाद उन्हें समाज में सर उठाकर जीना का मौका मिले तो हो सकता है भविष्य में भी एक अच्छे नागरिक बनकर सामने आएं.
क्या कुछ साइड इफेक्ट भी होगा
लेकिन इस बात की क्या गारंटी की जो कैदी पहले एक जुर्म कर चुका हो वह दूसरा जुर्म नहीं करेगा. माना जाता है अगर एक बार इंसान कोई बुरा काम कर दे तो अगर दुबारा उसे कभी जुर्म करने का मौका मिले तो वह पीछे हटने की बजाय उसे करेगा. ऐसा करने में उसे डर भी नहीं लगेगा. तो क्या यह मान लिया जाए कि अगर इन कैदियों को नौकरी मिल जाए तो यह आगे कोई जुर्म नहीं करेंगे. और अगर ऐसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा.
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