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‘कौन बनेगा करोड़पति’ में खेलना इस कलेक्टर को पड़ गया भारी, मुख्यमंत्री को देना पड़ा दखल

कहते हैं वक्त सबसे बड़ा मदारी है और हम जम्बूरे. वक्त राजा को रंक और रंक को राजा कब बना दे, कहा नहीं जा सकता. अब इस वक्त को जरा पैसों से रिप्लेस कर दीजिए. पैसा सबकुछ नहीं, लेकिन बहुत कुछ है. असल में अच्छा और बुरा वक्त ज्यादातर पैसों या आर्थिक स्थिति से ही जुड़ा हुआ है.


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कुछ इसी तरह के प्रोमो के साथ कौन बनेगा करोड़पति-9 सीजन शुरू किया गया था, जिसमें अब तक एक विजेता के द्वारा अधिकतम 50 लाख की धनराशि जीती जा चुकी है, लेकिन एक छत्तीसगढ़ की एक ट्रेनी कलेक्टर को केबीसी में भाग लेना भारी पड़ गया. असल में मुंगेली जिले की ट्रेनी डिप्टी कलेक्टर अनुराधा अग्रवाल का चयन ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के लिए हुआ था. भोपाल में आरंभिक ऑडिशन के बाद उन्हें शूटिंग के लिए मुंबई बुलाया गया. अनुराधा विकलांग हैं और वॉकर के सहारे चलती हैं. उनकी इच्छा थी कि इस कार्यक्रम से जीती हुई रकम से वो अपने भाई का इलाज कराएं, जो किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं.


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इस बात को ध्यान में रखते हुए अनुराधा ने केबीसी-9 में भाग लिया था. लेकिन शूटिंग से पहले ही 20 अगस्त को अनुराधा की मां का निधन हो गया, घरवालों से सलाह करके अनुराधा मुंबई चली गई. शूटिंग करके वापस लौटने पर अनुराधा को जानकारी मिली कि उनके आवेदन को अमान्य कर दिया गया है क्योंकि उन्होंने एक टीवी कार्यक्रम में बिना इजाजत भाग लिया था.


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अनुराधा ने इस बारे में कहा ‘मैंने राज्य सरकार से इसकी अनुमति मांगी थी, लेकिन समय पर उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला, इसलिए मैं छुट्टी लेकर वहां चली गई. दूसरी तरफ अनुराधा की चिट्ठी जब सार्वजनिक हुई, तो कई विपक्षी नेता अनुराधा के समर्थन में उतर आए, उनका कहना था कि राज्य सरकार जिले की प्रतिभा को दबाना चाहते हैं, किसी ज्ञानवर्धक और राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले कार्यक्रम में भाग लेना किसी भी तरह से गलत नहीं कहा जा सकता.


मामले को बढ़ता देखकर मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी करके आवेदन को फिर से बहाल किया. अनुराधा केबीसी से कितनी रकम जीत पाई है, इस बारे में फिलहाल जानकारी मिली लेकिन अनुराधा का एपिसोड 20 सितम्बर को प्रसारित होगा…Next



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