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फेसबुक से चोरी हुए डेटा का होता है गलत इस्तेमाल, जानें कैसे प्रभावित हो सकता है चुनाव

फेसबुक डेटा लीक मामले को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। भाजपा और कांग्रेस में आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर जारी है। यह पूरी कहानी शुक्रवार को तब शुरू हुई जब डेटा एनालिसिस फर्म कैंब्रिज एनालिटिका ने यह स्वीकार किया कि उसने 5 करोड़ यूजर्स की अनुमति के बगैर उनके डेटा का इस्तेमाल किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि फेसबुक डेटा लीक से किसी चुनाव को कैसे प्रभावित किया जा सकता है। आपके मन में भी ऐसे सवाल आ रहे होंगे। आइये आपको बताते हैं कि फेसबुक डेटा से चुनाव पर कैसे असर डाला सकता है।

 

 

कांग्रेस पर डेटा चोरी की आरोपी फर्म से सेवाएं लेने का आरोप

दरअसल, अमेरिका में 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स का डेटा चुराकर चुनाव में इस्तेमाल करने का खुलासा होने के बाद भारतीय राजनीति में भी बवाल मचा हुआ है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि 2019 का चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस डेटा चोरी की आरोपी रिसर्च फर्म कैंब्रिज एनालिटिका की सेवाएं ले रही है। इन विवादों के बीच सवाल उठता है कि क्या वाकई में चोरी हुए डेटा का गलत इस्तेमाल हो सकता है, तो इसका जवाब है हां। आपके फेसबुक से चोरी हुए डेटा का इस्तेमाल कई तरह से हो सकता है।

 

 

डेटा चोरी से क्‍लाइंट के समर्थन में प्‍लांट होती है जानकारी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बारे में एनालिटिका के सीईओ ने बताया था कि कंपनी फेसबुक से चुराए हुए यूजर्स के डेटा से साइकोलॉजिकल प्रोफाइलिंग करती है। इसके जरिये क्लाइंट के समर्थन में जानकारी प्लांट तो होती ही है, साथ ही विरोधी के खिलाफ भी आसानी से गलत सूचनाएं प्लांट की जाती हैं। चुनावों में इसका असर यह होता है कि ज्यादातर जनमत बदल जाता है। गलत जानकारियां पाकर लोग अपना मत बदल देते हैं।

 

 

भारत में 20 करोड़ से ज्‍यादा फेसबुक यूजर्स

भारत की बात की जाए, तो यहां 20 करोड़ से ज्यादा फेसबुक यूजर्स हैं। इनमें से ज्यादातर 18 से 35 वर्ष की उम्र के लोग हैं, जो राजनीतिक दलों द्वारा फैलाई गई गलत जानकारी को सच समझकर राय बना लेते हैं। भारत के अलावा अमेरिकी और ब्रिटिश मीडिया का दावा है कि कैंब्रिज एनालिटिका ने अमेरिका में 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स के डेटा का गलत इस्तेमाल कर ट्रम्प को जिताने में मदद की थी। यही नहीं, इस कंपनी के अमेरिका, ब्रिटेन, द. कोरिया समेत पांच देशों में डेटा चोरी से जुड़े मामले सामने आए हैं।

 

 

मार्क जुकरबर्ग ने स्‍वीकार की गलती

फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने भी मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए अपनी गलती स्‍वीकार की। उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिये सफाई दी और कहा कि कंपनी ने इस मामले में कई कदम उठाए हैं और भी सख्त कदम उठा सकती है। जुकरबर्ग ने फेसबुक पर लिखा कि लोगों के डेटा को सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। अगर हम इसमें विफल होते हैं, तो ये हमारी गलती है। हमने इसको लेकर पहले भी कई कदम उठाए थे, हालांकि हमसे कई गलतियां भी हुईं, लेकिन उनको लेकर काम किया जा रहा है। फेसबुक को मैंने शुरू किया था, इसके साथ अगर कुछ भी होता है, तो इसकी जिम्मेदारी मेरी ही है। हम अपनी गलतियों से सीखने की कोशिश करते रहेंगे, हम एक बार फिर आपका विश्वास जीतेंगे…Next

 

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