प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) को 23 सितंबर, 2018 को लॉन्च कर दिया। इस महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य प्रत्येक परिवार को सालाना पांच लाख रुपये की कवरेज दिया जाएगा। इससे 10।74 करोड़ गरीब परिवार लाभान्वित होंगे। इन परिवारों के लोग द्वितीयक और तृतीयक श्रेणी के तहत पैनल के अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से भर्ती हो सकते हैं।
भारत के अलावा ऐसे कई देश हैं जहां पर आयुष्मान जैसी हेल्थ योजना चल रही है।
ओबामा केयर
अमेरिका के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के मकसद से अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जो हेल्थकेयर प्लान शुरू किया था, उसे ही ओबामाकेयर के नाम से जाना जाता है।
यूरोप के देश
1970 से 2000 तक दक्षिण और पश्चिम यूरोप के देशों ने यूनिवर्सल कवरेज को लॉन्च करना शुरू किया। इन देशों में पहले से मौजूद स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम में सुधार किया गया और ज्यादा से ज्यादा लोगों को कवरेज दिया गया। जैसे फ्रांस ने अपने 1928 के नैशनल हेल्थ इंश्योरेंस सिस्टम को व्यापक बनाया और साल 2000 में इसकी बाकी 1 फीसदी आबादी को भी कवरेज दिया गया।
इटली और सोवियत यूनियन
सोवियत यूनियन में 1969 में इसके ग्रामीण निवासियों को यूनिवर्सल हेल्थ केयर की सुविधा मुहैया कराई गई। इटली में 1978 में इस सिस्टम को लागू किया गया।
जापान और कनाडा
उसके बाद जापान (1961)और कनाडा ने अपने यहां यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज को लॉन्च किया। कनाडा में 1972 तक पूरे देश में इस सिस्टम को लागू कर दिया गया।
यूके में यूनिवर्सल हेल्थ केयर सिस्टम
दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया भर में यूनिवर्सल हेल्थ केयर सिस्टम की स्थापना होने लगी। 5 जुलाई, 1948 को यूनाइटेड किंगडम ने अपनी यूनिवर्सल नेशनल हेल्थ सर्विस लॉन्च की।
जर्मनी
यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज स्कीम की दिशा में सबसे पहला कदम जर्मनी ने 1883 में उठाया। वहां सिकनेस इंश्योरेंस लॉ बनाया गया। इस कानून के मुताबिक, कंपनियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया कि वे कम मजदूरी वाले कामगारों को बीमारी के लिए बीमा मुहैया कराए। इस बीमा की फंडिंग के लिए ‘सिक फंड्स’ बनाया गया। सिक फंड्स में कंपनी मालिक और मजदूर दोनों को पैसे जमा करने पड़ते थे। मजदूर के वेतन में से सिक फंड्स के लिए एक निर्धारित रकम काटी जाती थी…Next
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