पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता एक बार फिर उस समय भीषण आग की चपेट में आ गया जब लोग रात की नींद पूरी करके अगली सुबह उठने की तैयारी में लगे हुए थे. कोलकाता के सूर्यसेन बाजार में बुधवार सुबह 4 बजे आग लग गई जिससे 19 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए. मौके पर पहुंची दमकल की 25 गाड़ियों ने तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया.
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बताया जा रहा है कि ये आग शार्ट सर्किट होने की वजह से लगी. आग कागज के एक गोदाम में लगी और फिर चारों ओर फैल गई. हालांकि पुलिस अभी इसकी जांच कर रही है. मरने वालों में वह लोग अधिक थे जो काम के बाद दुकान में सो जाया करते थे. सूर्यसेन बाजार में लगी आग ने कोलकाता प्रशासन की खामियों को एक बार फिर उजागर कर दिया. अकसर देखा गया है कि शार्ट सर्किट की वजह से लगने वाली आग की लपटों में वह मार्केट अधिक आते हैं जो अवैध तरीके से चलाए जाते हैं.
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प्रशासन और व्यापारियों के गठजोड़ के चलते इस तरह के जगहों में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा का घोर अभाव होता है. वैसे यह पहली घटना नहीं जब प्रशासन की खामियों की वजह से लोगों ने अपनी जान गंवाई है. इससे पहले दिसम्बर 2011 में कोलकाता के एएमआरआई अस्पताल में लगी भीषण आग से 94 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. राष्ट्रीय स्तर पर ममता और उनके प्रशासन की काफी आलोचना की गई थी.
अपने विरोधियों को उसकी हद समझाने वाली ममता बनर्जी आजकल 2014 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई हैं. लेकिन ममता को यह नहीं भूलना चाहिए जब से उन्होंने मुख्यमंत्री का पद संभाला है तब से राज्य कई भीषण घटनाओं का सामना कर चुका है. इसलिए आगामी चुनाव को देखते हुए ममता जो आस लगाए बैठी हैं कहीं उस पर पानी न फिर जाए.
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