जहां भगवान कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया और जहां महाभारत का युद्ध हुआ, वह शहर अब आधिकारिक रूप से पवित्र शहर हो गया है। हरियाणा सरकार ने ऐतिहासिक धार्मिक नगरी कुरुक्षेत्र को पवित्र शहर घोषित कर दिया गया है। इस फैसले के साथ ही यहां की थानेसर पालिका और पेहोवा में मांस और इससे जुड़े उत्पाद की खरीद-बिक्री पर पूरी तरह बैन लग गया। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस संबंध में शहरी स्थानीय निकाय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसकी अधिसूचना भी जारी हो गई है।
करोड़ों लोगों की आस्था का है केंद्र
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन के मुताबिक, कुरुक्षेत्र समृद्ध धार्मिक इतिहास और करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। ऐसे में थानेसर और पेहोवा पालिका क्षेत्र में मांस और मांस से जुड़े उत्पादों की बिक्री को बैन करना जरूरी था। इसी को देखते हुए कुरुक्षेत्र को पवित्र शहर घोषित किया गया है।
पिछली सरकारों में भी उठी थी मांग
जैन के अनुसार हरियाणा की पिछली सरकारों के वक्त भी यह मांग उठी थी कि कुरुक्षेत्र को पवित्र शहर घोषित किया जाए, लेकिन इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया गया। साल 1971 में थानेसर पालिका ने शराब और मांस बिक्री प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव को पास किया गया था। इसके बाद सन् 1982, 2009 और 2011 में दोबारा प्रस्ताव पारित हुए और मांस व शराब की बिक्री प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव पास किए गए। यही नहीं जिला प्रशासन और पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने भी कुरुक्षेत्र को पवित्र शहर का दर्जा दिया था।
दो होटलों पर हुई थी कार्रवाई
सन् 2014 में थानेसर पालिका क्षेत्र में दो होटलों में मांस बिक्री करते पाए जाने पर उन होटलों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। इसके बाद होटल प्रबंधन हाईकोर्ट चले गए थे। अब सरकार ने पालिका के प्रस्ताव को मजबूती देते हुए कुरुक्षेत्र को पवित्र शहर घोषित कर दिए जाने की अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के मुताबिक, अब पालिका थानेसर, पेहोवा में मांस उत्पाद बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित है।
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