Menu
blogid : 314 postid : 742

क्या अब जिन्ना के धर्मनिरपेक्षता की कसमें खानी होंगी !

कई बार इंसान अपनी गलतियों से सीख लेने की बजय उन्हें दोहराने को गलती कर जाता है. इसी तरह की गलती की है इस बार लाल कृष्ण आडवाणी ने. मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ से पैदा हुए विवाद के पांच साल बाद भी भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी जी का जिन्ना प्रेम एक बार फिर जाग गया है. उन्होंने कहा है कि उन्होंने ‘व्यक्तिगत रूप से’ यह महसूस किया है कि धर्म निरपेक्ष देश की वकालत करने पर पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना किस दौर से गुजरे होंगे. आडवाणी ने अपने बयान को अधूरा छोड़ते हुए कहा, ‘मैं व्यक्तिगत रूप से महसूस कर चुका हूं कि जिन्ना का जिक्र ऐसे व्यक्ति के रूप में किया जाना चाहिए  जो मुस्लिम बहुल आबादी के साथ धर्म निरपेक्ष देश चाहते थे.’ इतना कहकर ही आडवाणी ने जता दिया कि वह जिन्ना के एक समर्थक हैं और इससे आडवाणी जी की मानसिकता का परिचय मिल ही जाता है.


advaniवर्ष 2005 में पाकिस्तान यात्रा के दौरान जिन्ना को धर्म निरपेक्ष बताने के बाद आडवाणी को पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इस बार पत्रकार एमजे अकबर की किताब ‘टिंडरबॉक्स..द पास्ट एंड फ्यूचर ऑफ पाकिस्तान’ के विमोचन के मौके पर लाल कृष्ण आडवाणी ने जिन्ना का जिक्र आने पर उनके समर्थन में कई बातें कहीं. आडवाणी ने जिन्ना का उल्लेख फिर से धर्म निरपेक्ष के रूप में किया और पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता के लिए मौलाना अबुल अला मौदुदी जैसे लोगों को जिम्मेदार ठहराया जिन्होंने द्विराष्ट्र के सिद्धांत को प्रतिपादित किया.


न जानें आडवाणी जी का यह जिन्ना प्रेम कब तक ऐसे ही उनके दिमाग में चालू रहेगा. पाकिस्तान के बारे में किताब में एक बेहद अहम लाइन लिखी हुई है जो पाकिस्तान की वास्तविकता को स्पष्ट करती है. किताब की एक लाइन के अनुसार पाकिस्तान एक ऐसा देश है जहां न कभी स्थिरता हो सकती है और न कभी वह टूट सकता है.


बात सच है और बिलकुल सही भी है क्योंकि आज तक पाकिस्तान कभी आंतरिक तौर पर स्थिर नहीं रहा है, लेकिन इसके बावजूद भी आज भी उसका अस्तित्व है. कभी तानाशाह तो कभी फौजी हुकूमत के बावजूद भी आज तक पाकिस्तान अपने एजेंडों पर खड़ा है. अब इसे आप चाहे देशभक्ति कहें या कट्टरपंथी विचारधारा का परिणाम पाकिस्तान न ही टूट सकता है और न ही अपनी धूरी  पर खड़ा रह सकता है.


पाकिस्तान की हकीकत आज किसी से छुपी नहीं है. सब जानते हैं ऊपर से आतंकवाद के खिलाफ बगावत की बात करने वाला पाकिस्तान अंदर ही अंदर इन आतंकियों को पनाह भी देता है. सब जानते हैं जब तक पाकिस्तान स्थित आतंकियों के सुरक्षित पनाहगाह बंद नहीं होते तब तक आतंकवाद दुनिया को इसी तरह परेशान करता रहेगा. पाकिस्तान को आर्थिक सहायता इन आतंकियों को खत्म करने के लिए मिलती है और इसका इस्तेमाल वह इसे बढ़ावा देने के लिए करता है. पर कहते हैं न इंसान कई बार अपने ही खोदे गड्ढे में गिर जाता है उसी तरह पाकिस्तान को अस्थिर करने में इन आतंकियों का अहम रोल रहा है.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh