चारा घोटाला मामले में दोषी करार दिए गए राष्ट्रीय जनता दल के (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई है. साथ ही उनपर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में लालू यादव के अलावा बिहार के एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री तथा वयोवृद्ध नेता जगन्नाथ मिश्र और जदयू सांसद जगदीश शर्मा को चार साल कैद और दो लाख रुपये जुर्माने की सजा दी गई थी.
सजा पाने वालों में बीएन शर्मा और केएम प्रसाद को 5 साल की सजा सुनाई गई है और डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. ये सभी चारा घोटाले में चाईबासा कोषागार से 37.70 करोड़ रुपये अवैध निकासी के सिलसिले में दोषी करार दिए जा चुके हैं. गौरतलब है कि सोमवार को सीबीआई अदालत ने लालू प्रसाद यादव समेत 45 लोगों को इस मामले में दोषी करार दिया था. मामले के सात दोषियों को सजा भी सोमवार को ही सुना दी गई थी.
क्या है चारा घोटाला
यह मामला 1996 में चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ 70 लाख रुपये से भी ज्यादा की लूट का है तब बिना सप्लाई के पैसों का भुगतान कर दिया गया था. इस मामले की सीबीआई जांच में अपना नाम आने के बाद ही लालू प्रसाद यादव को 1997 में बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. पिछले 17 साल से यह मामला कोर्ट में चल रहा था.
इस पहले लालू यादव ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में ट्रायल कोर्ट के जज पीके सिंह पर भेदभाव बरतने का आरोप लगाया था और जज बदलने की मांग की थे लेकिन कोर्ट ने लालू की अर्जी को खारिज कर दिया.
इन बड़े नेताओं को मिली सजा
कांग्रेस सांसद रशीद मसूद को सीबीआई की विशेष अदालत ने 1990 के एमबीबीएस सीट आवंटन मामले में चार साल जेल की सजा सुनाई थी. उस समय वह स्वस्थ्य मंत्री थे. अदालत ने कुछ समय पहले उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराया था.
तहलका स्टिंग मामले में बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को 4 साल की सजा और 1 लाख का जुर्माना लगाया गया था. यह मामला 2001 का है. उस समय बंगारू लक्ष्मण ने अपने दफ्तर में इन फर्जी एजेंटों से 1 लाख रुपये की रकम ली थी.
इसी साल जनवरी में हरियाणा के शिक्षक भर्ती घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और उनके पुत्र अजय चौटाला को अदालत ने 10 साल कैद की सजा सुनाई थी.
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