लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले हर बार की तरह राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार में लगी हुई हैं। ऐसे में पार्टियां हर तरह से कोशिश कर रही हैं कि वोटर को कैसे लुभाया जाए। चुनाव के बाद पार्टियों के साथ जनता को भी जल्दी रहती है कि चुनाव में किसने बाजी मारी और किसी सरकार बनेगी। ऐसे में इस बार चुनाव नतीजों के लिए आपको थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है।
इस वजह से देरी से आएंगे चुनाव परिणाम
कुल सात चरणों में होने वाले इस आम चुनाव के पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को होना है। हालांकि इसबार चुनाव परिणामों में कुछ घंटों की देरी हो सकती है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आयोग का आदेश दिया है कि हर विधानसभा में एक की बजाए पांच बूथों पर ईवीएम-वीवीपीएटी पर्चियों का औचक मिलान होगा। शीर्ष अदालत के इस आदेश के बाद पर्चियों के मिलान के कारण चुनाव परिणाम में देरी हो सकती है।
21 विपक्षी पार्टियों ने दायर की थी सूचना
21 विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर ईवीएम से वीवीपीएटी के 50 फीसदी मिलान की मांग की थी। शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस याचिका को लंबित नहीं रखा जा सकता है। गौरतलब है कि इस समय चुनाव आयोग हर विधानसभा क्षेत्र में किसी एक ईवीएम और वीवीपीएटी का औचक मिलान करता है। इस बार के चुनाव में कुल 10।35 लाख मतदान केंद्र हैं और हर विधानसभा क्षेत्र में औसतन 250 पोलिंग स्टेशन होते हैं। आयोग ने कोर्ट में दलील दी थी कि एक पोलिंग स्टेशन पर वीवीपीएटी पर्चियों की काउंटिंग में एक घंटे का वक्त लगता है और 50 फीसदी की गिनती में औसतन 5.2 दिन लगेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
कोर्ट ने सोमवार को 50 प्रतिशत वाली मांग नहीं मानी, लेकिन चुनाव आयोग से कहा कि वह हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम पांच ईवीएम का वीवीपैट वेरिफिकेशन करे और संसदीय क्षेत्र के मामले में हर एसेंबली सेगमेंट में पांच ईवीएम का वेरिफिकेशन किया जाए। आयोग ने इससे पहले दावा किया था कि वीवीपैट से मिलान वाली ईवीएम की संख्या 50 प्रतिशत करने से रिजल्ट आने में 5-6 दिनों की देर हो सकती है। याचिककर्ताओं ने कहा था कि यह समस्या ज्यादा मैनपावर लगाकर दूर की जा सकती है। हालांकि कोर्ट ने बीच का रास्ता निकाला, जिससे विपक्षी दल संतुष्ट नहीं हुए।…Next
Read More :
400 किलोमीटर प्रति घंटा तक दौड़ सकती है मैग्लेव ट्रेन, अगले साल चीन लॉन्च करेगा ड्राइवरलेस ट्रेन
लोकसभा चुनाव 2019 : पहली बार लागू हुए ये नियम, एक महीने तक दिखेगा चुनावी रंग
Read Comments