समय के साथ-साथ आज तकनीक ने इंसान की जिंदगी को सरल और सहज बना दिया है. आज इंसान अपनी कठिनाईयों और समस्याओं को दूर करने के लिए तकनीक का सहारा ले रहा है. अलग-अलग तकनीकों के बीच आज खुद को हम जिस स्थिति में पाते हैं तो हमें हैरानी और ताज्जुब होने के अलावा और कुछ नहीं मिलता. जैसे इस खबर को पढ़ने के बाद आप भी हो जाएंगे ताज्जुब.
दरअसल यह स्टोरी एक ऐसे व्यक्ति की है जो 25 साल पहले अपने घर से पिछड़ गया था लेकिन गूगल अर्थ की मदद से आज वह अपनी मां के साथ है. आज इस व्यक्ति की लाइफ पर हॉलीवुड फिल्म बनाई जा रही है.
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सारू जब 5 साल के थे तब वह अपने परिवार से पिछड़ गए थे. दरअसल सारू मध्य प्रदेश के एक रेलवे स्टेशन पर अपने भाई के साथ सो रहे थे लेकिन जब उन्होंने आंखे खोली तो वह अपने भाई के साथ नहीं थे.
सारू के अनुसार- “जब मैने आंखे खोली तब मेरा भाई मेरे साथ नहीं था, मैंने देखा की मेरे सामने एक ट्रेन जा रही है, मुझे लगा कि वह उसमें चढ़ गया. सारू आगे कहते हैं- ट्रेन को पकड़ने के लिए मैं दौड़ा और गेट बंद होने के ठीक पहले मैं ट्रेन के अंदर था, लेकिन मुझे लगा कि मैं गलत ट्रेन में चढ़ गया हूं. मेरा भाई उस ट्रेन में नहीं था”.
सारू को जब होश आया तो वह अपने घर से हजारों मिल दूर कोलकाता में थे जहां वह अपनी भूख को मिटाने के लिए भीख मांगते थे. उसी दौरान आस्ट्रेलिया के दंपत्ति ने उन्हें अपना लिया और उन्हें अपने घर ले गए.
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सारू अपने नए माता-पिता के साथ उनके घर में बड़ी ही आसानी से घुल-मिल गये थे, लेकिन जैसे-जैसे वो बड़े होते गए उनके अंदर अपने बिछड़े हुए घरवालों से मिलने की इच्छा बढ़ती चली गई. सारू को अपना घर याद था कोलकाता को केंद्र मानकर वह गूगल अर्थ में 2011 में अपना घर ढ़ूंढ़ने में कामयाब हुए जो मध्यप्रदेश के खांडवा जिले में था जहां उनकी मां उनका वर्षों से उसका इंतजार कर रही थी.
पढ़ने में यह स्टोरी किसी हिंदी फिल्म से कम नहीं लगती लेकिन जल्द ही सारू की स्टोरी पर एक हॉलीवुड फिल्म बनने वाली है. बल्कि कोलकाता में शूटिंग भी शुरू हो चुकी है. कहा जा रहा है कि सारू की भूमिका में स्लम डॉग मिलेनियर के अभिनेता देव पटेल दिखेंगे. इसके अलावा इस फिल्म में हूज जकमैन और निकोल किडमैन भी दिखेंगे….Next
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