Menu
blogid : 314 postid : 772146

सरकारी तंत्र की विफलता, अपनी 24 साल की नौकरी में 23 साल गैरहाजिर रही यह महिला फिर भी सैलरी मिलती रही

यूँ देखा जाए तो ये खबर उनके लिए नई नहीं है जो भारत की शिक्षा व्यास्था से परिचित हैं, खासकर उत्तर भारत के. कक्षा से शिक्षकों का गायब रहना उत्तर भारत के सरकारी स्कूलों की विशेष पहचान है. पर उस शिक्षक के बारे में आप क्या कहेंगे जो अपने 24 साल के लंबे कॅरियर में 23 साल तक अनुपस्थित रहा.


Empty-classroom-007

ये कारनामा करने वाली शिक्षिका का नाम संगीता कश्यप है. संगीता इंदौर के एक सरकारी स्कूल में अध्यापिका हैं. गवर्मेंट अहिल्या आश्रम स्कूल की प्रिंसिपल सुषमा वैश्य अपने स्कूल की इस टीचर के बारे में कहती हैं कि, “उन्होंने 1990 में मध्य प्रदेश विद्यालय शिक्षा विभाग के देवास स्थित गवर्नमेंट महारानी राधाबाई कन्या विद्यालय में बतौर स्कूल शिक्षिका के रूप में नियुक्ति मिली. हालांकि संगीता 1991 से 1994 के बीच छुट्टी पर रही”.


एक लड़की ने अपनी तस्वीर खींची लेकिन जब उसे देखा तो कुछ बहुत डरावना था


“1994 में संगीता का तबादला इंदौर के अहिल्या आश्रम स्कूल में हो गया पर वे इसी साल मातृत्व अवकाश पर चली गयी और उसके बाद से फिर कभी ड्यूटी के लिए रिपोर्ट नहीं किया”.


mp tcher


इस तरह से संगीता ने एक ऐसा रिकॉर्ड बना डाला जिस पर मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग शर्म ही कर सकता है. गौरतलब है कि 23 सालों तक हाथ पे हाथ धर के बैठे रहने के मध्य मध्य प्रदेश का शिक्षा विभाग अब अपनी इस 46 वर्षीय  कर्मचारी पर अनुशासनात्मक कार्यवाई करने की बात कह रहा है.


हालांकि इस तरह नौकरी से गायब रहने वाली संगीता कश्यप अकेली टीचर नहीं हैं. कुछ ऐसी ही कहानी 42 वर्षीय रचना दुबे की भी है. दस साल पहले रचना ने अपनी पीएचडी पूरी करने के लिए छुट्टी मांगी थी पर वे आजतक काम पर वापस नहीं लौटी.


Read: उसने चांद को गोलियों से छ्लनी करना चाहा लेकिन इस कोशिश का अंजाम क्या हुआ, खुद देख लीजिए


स्कूल की प्रिंसिपल सुषमा वैश्य का कहना है कि इन अध्यापिकाओं को कई बार इनके अनुपस्थिति से संबंधित पत्र भेजे गए पर सभी पत्र बिना डिलीवर हुए वापस लौट आए. उनका कहना है कि स्कूल ने संबंधित टीचरों की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से कर दी है.


teacher mp


वंही जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि दोनों अध्यापिकाओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाई संबंधित पेपर पहले ही मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग के जॉइंट डायरेक्टर को भेजा जा चुका है.


यह अच्छी बात है की मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग की नींद आखिरकार खुल गई पर क्या वह इस बात का जवाब दे सकती है कि इतने दिनों तक इन अध्यापिकाओं के खिलाफ कोई कार्यवाई क्यों नहीं की गई. साथ ही उन विद्यार्थियों के नुकसान की भरपाई कौन करेगा जिन्हें पढ़ाने की जिम्मेवारी इन शिक्षिकाओं की थी.


Read more:

पढ़िए क्यों युवा आजकल लुंगी पहनना पसंद करने लगे हैं

जानिए कहां दिखा एक सचमुच का मॉंस्टर और कैसे लोगों को इसके डर से छुटकारा मिला

वो शराब पीती है, शॉर्ट स्कर्ट पहनती है, सुंदर भी है…. मतलब उसका प्रमोशन पक्का !!!


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh