“आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए. मानवता एक सागर की तरह है, यदि सागर की कुछ बूंदे खराब हैं तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता है” – महात्मा गांधी
दोनों बच्चों ने भरपेट खाना खाया.
इसके बाद जिस शख्स ने उन्हें खाना खिलाया उसने भी अपना खाना ऑर्डर किया. अब थी बिल की बारी, जब उस व्यक्ति को रेस्तरा की तरफ से बिल मिला तो उसकी आंखें भर आईं. बिल पर अमाउंट नहीं लिखा था बल्कि एक बात लिखी हुई थी. ‘हमारे पास कोई ऐसी मशीन नहीं जो इंसानियत का बिल बताती हो’ …Next
Read more:
Read Comments