नदी की तेज लहर उसे भी अपने साथ बहा कर ले गई, लेकिन जाते-जाते उसने कुछ ऐसा कर दिया जिससे उसकी मौत का गम गर्व करने का कारण बन गया. हैदराबाद से हिमाचल प्रदेश घूमने आए इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के साथ हुई दुर्घटना का गवाह बनी ब्यास नदी भी उस साहसी टीम लीडर को सलाम करती है जिसने अपनी जान की परवाह किए बिना अपने चार साथियों को डूबने से बचाया था.
एम. किरण कुमार नाम के इस छात्र ने अपने परिजनों और दोस्तों को खुद पर गर्व करने का एक अदद मौका दे दिया है. पहले तो इंजीनियरिंग छात्रों के दल में से किसी को भी आने वाली मुसीबत का आभास नहीं हुआ लेकिन जब नदी का पानी बढ़ता दिखाई दिया तब इस साहसी छात्र ने ही अपने सह-छात्रों को सूखे स्थान पर ढकेलने का प्रयास किया, वह खुद पानी में डूबता रहा लेकिन आखिर तक अपने साथियों की जान बचाने की कोशिश करता रहा.
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ब्यास नदी की लहरों के बीच बहे छात्रों के शव अभी तक नहीं मिले हैं इसलिए एम.कुमार के पिता को विश्वास है कि उनका बेटा जीवित है.
साहस की मिसाल पेश करने वाले एम. किरण कुमार समेत अन्य सभी छात्रों के परिजन और शुभचिंतक उनके जीवित बचे होने की कामना कर रहे हैं, सभी को एक चमत्कार का इंतजार है.
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