एक कुशल और योग्य नेता की पहचान तभी होती है जब उसकी चर्चा न केवल उसकी खुद की पार्टी बल्कि विरोधी भी करते हों. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ऐसा ही हो रहा है. वह अपनी पार्टी (भारतीय जनता पार्टी) में इस समय सबसे लोकप्रिय नेता है. उनकी लोकप्रियता के आगे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी फीके दिखाई दे रहे हैं.
नरेंद्र मोदी जब से भाजपा की ओर् से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित हुए हैं देश में एक अजीब तरह की लहर देखने को मिल रही है. इस बात को मीडिया सहित भाजपा के धुर विरोधी कांग्रेस भी मानते हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बाद अब देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी यह बात स्वीकार चुके हैं कि मोदी एक बड़ी चुनौती हैं.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नरेंद्र मोदी को चुनौती मानते हुए कहा कि वह उन्हें गंभीरता से लेते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं उन लोगों में से हूं, जो विरोधियों को गंभीरता से लेता हूं. हमारे पास लापरवाही के लिए कोई जगह नहीं है’.
कर्मठ, प्रतिबद्ध, शौकीन और रोमांचक मंडेला
एक मीडिया समूह के कार्यक्रम में शुक्रवार को मनमोहन सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राजनीतिक दल के रूप में हम विपक्ष की शक्ति को कम करके नहीं आंक सकते. उनसे यह पूछा गया था कि मोदी को लेकर दो कैबिनेट मंत्रियों के विचार अलग-अलग हैं, एक मोदी को गंभीरता से लेने की बात करता है जबकि दूसरा खारिज करता है.
इससे पहले वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने स्वीकार किया था कि नरेंद्र मोदी कांग्रेस पार्टी के लिए एक चुनौती हैं. एक समारोह में परिचर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल के तौर पर हम मानते हैं कि आने वाले वक्त में मोदी चुनौती पैदा करने वाले हैं इसलिए हम उन्हें अनदेखा नहीं कर सकते. चिदंबरम ने मोदी की तारीफ एक बार और चुके हैं. इस बयान से पहले चिदंबरम ने कहा था कि भाजपा नेता भले ही मोदी पर बंटे हुए हैं, लेकिन उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट किया है. उन्होंने यह भी बात मानी कि शहरी युवा मोदी से काफी प्रभावित हैं.
कांग्रेस ने महसूस किया तूफान से पहले की आहट
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की तरफ से लगातार हो रही मोदी की तारिफ कांग्रेस के उन नेताओं को जवाब है जो यह मान कर चल रहे थे कि मोदी चुनौती नहीं केवल एक हवुआ हैं. इससे यह बात साफ हो जाती है कि इस वक्त मोदी के मुकाबले कांग्रेस के युवराज और उपाध्यक्ष राहुल गांधी की एक नहीं चल रही है.
अब यहां देखने वाली बात होगी कि नरेंद्र मोदी जिन्हें इस बार भाजपा की तरफ से एक बहुत ही महत्वपूर्ण उत्तरदायित्व सौपा गया है उससे कामयाब हो पाते हैं या नहीं. अभी हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के एक्जिट पोल की अगर बात करें तो भाजपा पांच में से चार राज्यों में जीत दर्ज कर रही है, लेकिन यह एक्जिट पोल है. असली परिणाम तो 8 दिसंबर को आएगा. उस वक्त मालूम चलेगा कि लोकसभा चुनाव से पहले इस चुनाव में जिसे सेमीफाइनल माना जा रहा है मोदी लाज बचाने में कामयाब हो पाते हैं या नहीं.
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