देश में बहुप्रतीक्षित ‘मोबाइल नम्बर पोर्टेबिलिटी’ (एमएनपी) योजना आज 20 जनवरी 2011 से देश भर में शुरु हो रही है. मोबाइल सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी से नाखुश उपभोक्ता आज से नंबर बदले बिना ऑपरेटर बदल सकेंगे. अब जो लोग कंपनियों की बढ़ती दरों और खराब नेटवर्क की वजह से अक्सर परेशान रहते थे उनके लिए और ज्यादा परेशान होने का समय नहीं रहा. मात्र 19 रुपए अदा कीजिए और आपका नंबर बदल जाएगा. लेकिन सस्ता और फायदेमंद दिखने वाला यह रास्ता कितना बेहतर और सफल होगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) संबधित जरूरी तथ्य
क्या है एमएनपी: एमएनपीके अंतर्गत आप बिना नंबर बदले अपने सर्विस प्रोवाइडर को बदल सकते हैं. यानि आपका नंबर वही रहेगा बस कंपनी बदल जाएगी. मान लीजिए अगर आप अपनी मौजूदा टेलीकॉम ऑपरेटर कंपनी की सेवा से खुश नहीं हैं तो नंबर बदलने की चिंता से मुक्त रहते हुए दूसरी कंपनी के ग्राहक बन सकते हैं.
कैसे बदलेगा नंबर – एमएनपी की पूरी प्रक्रिया
एमएनपी के लिए आप अपने मोबाइल फोन के मैसेज बॉक्स में लिखें, PORT, एक स्पेस देकर अपना मोबाइल नंबर टाइप करें. इसे 1900 पर एसएमएस कर दें. बदले में आपको 8 नंबरों का कोड और उसकी एक्सपायरी डेट मिलेगी. इस कोड को यूनिक पोर्टिंग कोड (यूपीसी) कहा जाता है.
अब आपको कोड, घर का पता और अपनी पहचान से जुड़ा दस्तावेजी सबूत (वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस वगैरह), फोटो, यूपीसी और मोबाइल नंबर के जिक्र वाले आवेदन के साथ उस कंपनी के नजदीकी ग्राहक सेवा केंद्र पर जाना होगा, जिसकी सेवा आप लेना चाहते हैं. ध्यान रहे, यह काम आपको यूपीसी एसएमएस में आई एक्सपायरी डेट के भीतर करना होगा.
इसके बाद ऑपरेटर आपकी अर्जी को मोबाइल पोर्टेबिलिटी क्लियरिंग हाउस तक पहुंचाएगा. वहां आपका नंबर मौजूदा कंपनी से हटा कर नई कंपनी के तहत एक्टिवेट कर दिया जाएगा. पूरी प्रकिया में 7 दिन लगेगा.
मौजूदा कंपनी से डीएक्टिवेट कर नई कंपनी में आपका नंबर एक्टिवेट करने में 2 घंटे लगेंगे. इस दौरान आपका मोबाइल नंबर काम नहीं करेगा. इस 2 घंटे के बारे में आपको एसएमएस के जरिए पहले से सूचना दी जाएगी. इसमें ग्राहकों की सुविधा का खयाल रखते हुए यह भी तय किया गया है कि रात बारह से सुबह पांच बजे के बीच ही यह काम निपटाया जाए।
ध्यान रखने वाली बात
अगर हम ‘मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी’ (एमएनपी) योजना की बात करें तो अब तक हरियाणा में यह योजना काफी सफल रही है. अगर हम फायदों की बात करें तो इसके कई फायदे हैं पर कुछ छोटे-मोटे नुकसान भी हैं जैसे आपको अपना नंबर बदलने के लिए अपने आवश्यक दस्तावेज लेकर कंपनी के नजदीकी ग्राहक सेवा केंद्र पर जाना होगा. उसी तरह बार-बार कपंनी बदलने से सुरक्षा को भी नुकसान पहुंचने की आशंका है.
हालांकि इस योजना के आने के बाद कॉल रेट कम होने और कंपनियों की सर्विस अच्छी होने की पूरी-पूरी उम्मीद है. इसके साथ ही ट्राई ने जल्द ही टेलिमार्केटिंग करने वाली कपंनियों पर भी लगाम कसने की ठान ली है. देखना है आगे किस तरह यह आइडिया लोगों के सपनों को साकार करता है या फिर बेकार करता है.
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