यूपीएससी की परीक्षा हर साल लाखों लोग देते हैं और हर किसी का सपना होता है कि वो इस पद पर काबिज हो, हालांकि ऐसा हो नहीं पाता है। लेकिन अब नौकरशाही में मोदी सरकार अबतक का सबसे बड़ा बदलाव करने जा रही है। पहले बड़ा अधिकारी बनने के लिए यूपीएससी के जरिए परीक्षा पास करनी होती थी। लेकिन, अब प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले सीनियर अधिकारी भी सरकार के साथ जुड़ सकते हैं और नौकरी कर सकते हैं। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल ऐंड ट्रेनिंग (DoPT) ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।
प्रतिभा और क्षमता के हिसाब से मिलेगी मौका
मीडिया में चल रही खबरें के अनुसार पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने इस बदलाव को लेकर कहा कि, ‘यह उपलब्ध स्रोतों में से सर्वश्रेष्ठ को चुनने की कोशिश है। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य यह है कि यह हर भारतीय नागरिक को अपनी प्रतिभा और क्षमता के हिसाब से अपना विकास सुनिश्चित करने के लिए मौका देता है’।
इन विभागों में होगी नियुक्तियां
ये सभी नियुक्तियां अनुबंध के आधार पर होंगी और 3 से पांच वर्षों के लिए होंगी। जिन विभागों में नियुक्तियां होंगी उनमें राजस्व, वित्तीय सेवाएं, आर्थिक कार्यों, नागर विमानन और वाणिज्य प्रमुख हैं। इन सभी पदों के लिए आवेदक की उम्र सीमा 1 जुलाई 2018 को कम से कम 40 साल होनी चाहिए। आवेदकों का किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय ने स्नातक होना अनिवार्य है, हालांकि इससे ऊंची योग्यता वालों को महत्व दिया जाएगा।
दस मंत्रालयों के लिए की जाएगी नियुक्ति
जारी की गई अधिसूचना के तहत ये नियुक्तियां तीन साल के लिए की जाएंगी, अगर काम अच्छा हुआ तो इनका टर्म पांच साल तक किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि ये नियुक्तियां जॉइंट सेक्रटरी के पद पर नियुक्ति होगी। इन पदों के लिए आदेवन की न्यूनतम उम्र 40 साल और अधिकतम उम्र के लिए कोई सीमा तय नहीं की गई है। इनके चयन के लिए इंटरव्यू देना होगा और ये इंटरव्यू कैबिनेट सेक्रटरी के नेतृत्व में बनने वाली कमिटी लेगी, ये नियुक्तियां केवल दस मंत्रालयों में की जाएंगी।
30 जुलाई से पहले करना होगा आवेदन
इन पदों के लिए अधिकारियों को सभी सुविधाएं सर्विस नियम के अनुसार ही मिलेगा। ज्वाइंट सेक्रेटरी का पद का अहम पद होता है। देश में लागू की जाने वाली तमाम नीतियों का अंतिम रूप देने में अहम योगदान होता है, आवेदन देने की अंतिम तारीख 30 जुलाई है।
ये संविधान और आरक्षण का घोर उल्लंघन है
मोदी सरकार के इस बड़े बदलाव को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई हैं। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सिविल सर्विस को बाईपास करने पर मोदी सरकार पर सवाल उठाया है। तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, ‘यह मनुवादी सरकार UPSC को दरकिनार कर बिना परीक्षा के नीतिगत व संयुक्त सचिव के महत्वपूर्ण पदों पर मनपसंद व्यक्तियों को कैसे नियुक्त कर सकती है? यह संविधान और आरक्षण का घोर उल्लंघन है। कल को ये बिना चुनाव के प्रधानमंत्री और कैबिनेट बना लेंगे, इन्होंने संविधान का मजाक बना दिया है’।…Next.
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