आज सुबह दिल्ली और एनसीआर के कुछ इलाकों में बारिश हुई। सुबह इस भीगी-भीगी शुरुआत ने गर्मी से राहत देते हुए मौसम को खुशगवार बना दिया। इस बीच मॉनसून का पूर्वानुमान भी आ गया है। मौसम की भविष्यवाणी करने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने मंगलवार को कहा कि केरल में 4 जून को मॉनसून दस्तक दे सकता है, जो देश में बारिश के मौसम की आधिकारिक शुरुआत होगी। केरल में मानसून शुरू होने की तारीख 1 जून है। स्काईमेट ने कहा कि देशभर में मॉनसून ‘सामान्य से कम’ रहेगा। आइए, जानते हैं कहां-कहा होगी बारिश।
पूर्वी व पूर्वोत्तर भारत
पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में जून से सितंबर के बीच 1438 मिलीमीटर औसत बारिश होती है। इस बार यहां औसत के 92% बारिश का अनुमान है। 50 फीसदी संभावना है कि बारिश सामान्य से कम होगी, जबकि 25 फीसदी संभावना सामान्य बारिश की जताई गई है।
उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य बारिश
उत्तर-पश्चिम भारत में लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) 615 मिलीमीटर है। इस बार यहां एलपीए की 96% वर्षा का अनुमान है। 60 फीसदी संभावना है कि देश के इस हिस्से में 60 फीसदी संभावना सामान्य बारिश की है।
मध्य भारत
देश के इस हिस्से में सामान्य मॉनसून की स्थिति में 976 मिलीमटर बारिश होती है। इस बार इसके 91 फीसदी तक बारिश की संभावना जताई गई है। 50 फीसदी संभावना जताई गई है कि बारिश सामान्य से कम होगी। 20 फीसदी संभावना सामान्य बारिश की और इतनी ही आशंका सूखे की भी है।
दक्षिण भारत
देश के हिस्से में जून-सितंबर में एलपीए है 716 मिलीमीटर। इस साल एलपीए के 95% वर्षा का अनुमान है। 60 फीसदी संभावना सामान्य बारिश की है।
पहाड़ी राज्यों में ज्यादा बारिश
स्काईमेट ने कहा कि पहाड़ी राज्यों जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मैदानी राज्यों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर के मुकाबले ज्यादा बारिश होने की संभावना है।
सूखा प्रभावित इलाकों में बिगड़ेगी स्थिति
विदर्भ, मराठावाड़ा, पश्चिम मध्य प्रदेश और गुजरात में बारिश सामान्य से बहुत कम रहेगी। इससे स्थिति और बिगड़ सकती है क्योंकि मराठावाडा और गुजरात के कई हिस्से सूखे जैसे हालात से जूझ रहे हैं।
तटीय कर्नाटक में अच्छी बारिश
स्काईमेट ने कहा, ‘कर्नाटक के उत्तरी अंदरुनी हिस्से और रायलसीमा में खराब बारिश हो सकती है। केरल और तटीय कर्नाटक में बेहतर बारिश होने का अनुमान है।…Next
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