बेरोजगारी एक ऐसी समस्या जिससे जुड़ी कोई न कोई घटना हमारे सामने आती ही रहती है। कभी रोजगार तलाशते युवा धरने पर बैठे दिखते हैं तो कहीं पढ़े-लिखे लोग छोटी-मोटे काम करके अपना खर्चा निकालते हैं।
वहीं बात करें प्राइवेट सेक्टर की, तो यहां भी परेशानियां खत्म लेने का नाम नहीं लेती। हर किसी को सरकारी नौकरी या अपने बिजनेस की दरकार रहती है।
बेरोजगारी का एक ऐसा ही मामला सामने आया है। दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा प्राइवेट सेक्टर के लोगों के लिए निकाले गए जॉइंट सेक्रटरी के 10 पदों पर 6,000 से ज्यादा आवेदन आए हैं। सरकार ने प्राइवेट सेक्टर की प्रतिभाओं को मौका देने के उद्देश्य से इन पदों पर आवेदन मांगे थे। कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने लैटरल एंट्री के तहत जॉइंट सेक्रटरी के 10 पदों पर नियुक्ति की घोषणा की थी। इसके तहत प्राइवेट सेक्टर के लोग अनुबंध के तहत सरकार से जुड़ सकते हैं। अधिकारियों के मुताबिक इन पदों के लिए 6,077 आवेदन मिले हैं।
जॉइंट सेक्रटरी के ये पद राजस्व, वित्तीय सेवाओं, इकनॉमिक अफेयर्स, कृषि, किसान हित, सड़क एवं परिवहन, जहाजरानी, पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा, विमानन और वाणिज्य विभाग में हैं। इसके लिए आवेदन की आखिरी तारीख 30 जुलाई थी।
वहीं प्रक्रिया की बात करें तो, केंद्र सरकार ने आवेदकों को शॉर्ट लिस्ट करने का काम शुरू कर दिया है।’ सामान्य तौर पर जॉइंट सेक्रटरी के इन पदों पर UPSC के माध्यम से चुनकर आने वाले IAS, IPS, IFS, IRS नियुक्त होते हैं। मनमोहन सिंह सरकार में योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे मोंटेक सिंह अहलूवालिया भी लैटरल एंट्री के माध्यम से ही नियुक्त हुए थे। पिछले महीने सरकार ने संसद में कहा कि इस तरह की नियुक्तियों से प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों पर कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ेगा।
उम्मीद से ज्यादा आवदेन देखकर देश में बेरोजगारी और सरकारी नौकरी के प्रति लोगों के रूझान का अंदाजा लगाया जा सकता है…Next
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