दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में शामिल अमेरिका को कोरोना वायरस ने तबाही की ओर ढकेल दिया है। वायरस की वजह से यहां इतनी मौतें हो रही हैं कि कब्रिस्तानों में जगह कम पड़ती जा रही है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार अब तक 55 हजार से ज्यादा लोगों की मौ यहां हो चुकी है। जबकि 4 देश और हैं जहां मौतों की संख्या 20 हजार पार कर गई है।
अमेरिका की हालत खराब
डब्ल्यूएचओ और worldometers के आंकड़ों के अनुसार इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में अमेरिका पहले नंबर पर है। यहां वायरस ने सबसे तेज गति से लोगों को अपना शिकार बनाया है। सोमवार की सुबह के ताजा आंकड़ों के अनुसार के अुनसार अमेरिका में 985601 लोग वायरस से ग्रस्त हैं। जबकि, 55371 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। वहीं, 15143 मरीज बेहद सीरियस कंडीशन में हैं।
इन देशों में सबसे ज्यादा मौत
worldometers के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका के बाद से कोरोना वायरस ने सबसे ज्यादा स्पेन के लोगों को मौत की नींद सुलाया है। इसके बाद इटली, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम है। स्पेन में अब तक 23190 लोग मर चुके हैं। जबकि इटली में 26644, फ्रांस में 22856, यूके में 20732 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यह पांच देश ऐसे हैं जहां सबसे ज्यादा कोरोना पाजिटिव मरीज मिले हैं और मौतें भी सबसे ज्यादा हुई हैं।
भारत में हर रोज मर रहे लोग
तमाम प्रयासों के बावजूद भारत में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में सफलता हासिल नहीं हो रही है। यहां लगातार कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़ती जा रही है। कोरोना वायरस के आंकड़े देने वाली सरकारी एप्लीकेशन आरोग्य सेतु के अनुसार अब तक 826 लोगों की मौत हो चुकी है। 26917 लोग वायरस की चपेट में हैं। देश के सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश हैं।
क्यों नहीं थम रहा कोरोना
दुनियाभर के लिए मुसीबत बना कोरोना वायरस लगातार लोगों को अपनी चपेट में लेता जा रहा है। इस वायरस को खत्म करने और रोकने के लिए वैज्ञानिक कोई ठोस उपाय नहीं खोज पाए हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुनियाभर की 83 मेडिकल संस्थाएं वैक्सीन बनाने में जुटी हुई हैं। 6 कंपनियां मानव परीक्षण के स्तर तक पहुंच चुकी हैं। जबकि 77 कंपनियां क्लीनिकल पेज से गुजर रही हैं। परीक्षण की लिस्ट में अमेरिका, फ्रांस के बाद यूके का नाम भी जुड़ गया है। पिछले दिनों यूके में वैक्सीन का पहली बार मानव परीक्षण किया गया है। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि जल्द ही वैक्सीन को लोगों तक पहुंचाया जाएगा।
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