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चकमा देने में माहिर था आतंकवादी यासीन भटकल

yasin bhatkalलश्कर-ए-तैयबा का कुख्यात आतंकवादी और बम निर्माता सैयद अब्दुल करीम उर्फ टुंडा को पकड़े हुए अभी एक महीना भी नहीं हुआ कि आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (Indian Mujahideen) के संस्थापकों में से एक तथा भारत के ‘मोस्ट वॉन्टेड’ आतंकवादी यासीन भटकल (Yasin Bhatkal) को भारत-नेपाल सीमा के सोनौली बॉर्डर पर नेपाल पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर लिया गया. आतंकवादी भटकल की गिरफ्तारी को बहुत बड़ी कामयाबी मानी जा रही है.


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कौन है यासीन भटकल

यासीन भटकल (Yasin Bhatkal) उन आतंकवादियों में से है जिनके पीछे पिछले कुछ सालों से पुलिस और खुफिया एजेंसियां लगी हुई थीं लेकिन भटकल उनकी पकड़ से बाहर था.


यासीन भटकल का शुरुआती जीवन

(Indian Mujahideen) की नींव रखी थी.


यासीन भटकल की खूबी

इतने सालों से यासीन भटकल (Yasin Bhatkal) भारतीय खुफिया एजेंसियों को चकमा देता रहा उसके पीछे जो मुख्य वजह है यासीन का परंपरागत तरीकों का इस्तेमाल करना. खुफिया एजेंसियों के एक अधिकारी के मुताबिक यासीन को नई तकनीक का प्रयोग करना पंसद नहीं है जैसे मोबाइल पर बात करना, ईमेल करना आदि. अगर उसे मोबाइल से बात भी करनी होती है तो वह कुछ ही सेकंड तक इस्तेमाल करके सिमकार्ड तुरंत नष्ट कर देता था.

वह तकनीक की बजाए परंपरागत तरीकों जैसे भेष बदलने आदि में माहिर था. उसकी इसी खूबी की बदौलत कभी कभार उसके करीबी लोग भी उसकी असली पहचान नहीं कर पाते थे. यासीन ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में रहता था.


कई धमाकों में यासीन भटकल का हाथ

बैंग्लोर के चिन्नास्वामी स्टेडियम (2010), पुणे के जर्मन बेकरी (2011), मुंबई (2011), हैदराबाद (2013) और बैंग्लोर (2013) में हुए थे. कहा यह जा रहा है कि हाल ही में बिहार के बोधगया में महोबोधि मंदिर परिसर में हुए नौ बम धमाकों में भी इसका हाथ है.


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