Posted On: 8 Mar, 2018 Hindi News में
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और वर्तमान कप्तान विराट कोहली की दोस्ती जगजाहिर है। मैदान पर खेल के दौरान और मैदान से बाहर निजी जिंदगी में भी दोनों की दोस्ती फैंस को देखने को मिलती है। धोनी की बेटी के साथ कोहली के खेलने की फोटो और वीडियो कई बार सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। मैदान पर भी धोनी, कोहली को सलाह देते नजर आते हैं। कोहली को धोनी आमतौर पर उनके निक नेम ‘चीकू’ से ही बुलाते हैं। ये बातें बताती हैं कि दोनों में अच्छी दोस्ती है। मगर एक समय ऐसा भी था जब धोनी अपनी कप्तानी में कोहली को भारतीय क्रिकेट में शामिल ही नहीं करना चाहते थे। इस बात का खुलासा अब सालों बाद हुआ है। आइये आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला और कैसे हुआ खुलासा।
पूर्व मुख्य चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर का खुलासा
टीम इंडिया के पूर्व मुख्य चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर ने यह खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि साल 2008 में जब वे भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता थे, तब विराट कोहली के चयन की वजह से उनकी इस पद से विदाई हो गई। एक कार्यक्रम में इस संबंध में बात करते हुए वेंगसरकर ने कहा कि उन्होंने युवा कोहली को 2008 में श्रीलंका दौरे के लिए टीम में शामिल करने पर जोर डाला। 2008 में ही कोहली की कप्तानी में भारत ने अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता था और वेंगसरकर सचिन तेंदुलकर की गैरमौजूदगी की स्थिति में कोहली को टीम में शामिल करना चाहते थे। वेंगसकर का कहना है कि इसी बात से नाराज होकर श्रीनिवासन ने उनके मुख्य चयनकर्ता का कार्यकाल जल्द समाप्त कर दिया।
कप्तान धोनी और कोच कर्स्टन विराट के चयन से नहीं थे संतुष्ट
वेंगसरकर के मुताबिक, श्रीलंका के खिलाफ वनडे और टेस्ट सीरीज के लिए हुई चयन समिति की बैठक में वे कोहली को ODI में मौका देना चाहते थे। मगर तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और कोच गैरी कर्स्टन संतुष्ट नहीं थे। वेंगसरकर ने कहा, ‘मुझे लगा कि कोहली को टीम में शामिल करने का यह सही मौका है। अन्य चार चयनकर्ता भी मेरे फैसले से सहमत थे, लेकिन गैरी और धोनी थोड़ा झिझक रहे थे, क्योंकि उन्होंने कोहली को ज्यादा खेलते हुए नहीं देखा था। मैंने उन्हें बताया कि मैंने कोहली को बल्लेबाजी करते देखा है और हमें उसे टीम में शामिल करना चाहिए। वेंगसरकर ने कहा कि मुझे पता था कि वे (धोनी-कर्स्टन) एस. बद्रीनाथ को टीम में रखना चाहते थे, क्योंकि बद्रीनाथ चेन्नै सुपर किंग्स का खिलाड़ी था। अगर कोहली टीम में आते, तो बद्रीनाथ को टीम से बाहर करना पड़ता। एन. श्रीनिवासन उस समय BCCI के कोषाध्यक्ष थे। वे नाराज थे कि उनकी टीम के खिलाड़ी बद्रीनाथ को बाहर किए जाने की बात हो रही है।
वेंगसरकर ने विराट की बल्लेबाजी देखने के बाद किया चयन
वेंगसरकर ने बताया कि दरअसल, ऑस्ट्रेलिया में खेले जाने वाले चार देशों के इमर्जिंग प्लेयर्स ट्रॉफी के लिए मैंने और मेरे साथी चयनकर्ताओं ने अंडर-23 खिलाड़ियों को चुनने का फैसला किया। उसी समय भारत ने विराट कोहली की कप्तानी में अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता था। मैंने उसे टूर्नामेंट के लिए चुना और ब्रिसबेन में उसकी बल्लेबाजी देखने गया। उस समय वह पारी की शुरुआत किया करता था। विराट ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 123 रन बनाए। उस कीवी टीम में कई टेस्ट खिलाड़ी भी थे। मैंने कोहली को बल्लेबाजी करते देखा और मुझे लगा कि उसे भारतीय टीम में चुन लिया जाना चाहिए, अब वह इसके लिए तैयार है।
श्रीनिवासन ने जताई थी नाराजगी
वेंगसरकर ने खुलासा करते हुए कहा कि उन्होंने (श्रीनिवासन) मुझसे पूछा कि किस आधार पर बद्रीनाथ को बाहर किया। मैंने उन्हें बताया कि मैंने कोहली को ऑस्ट्रेलिया में बल्लेबाजी करते देखा है और वह बहुत शानदार बल्लेबाज है। इसी वजह से उसे टीम में लिया गया है। इस पर श्रीनिवासन का कहना था कि बद्रीनाथ ने तमिलनाडु के लिए 800 से ज्यादा रन बनाए हैं। वह 29 वर्ष का हो गया है, उसे अब टीम में नहीं लिया जाएगा, तो कब लिया जाएगा। इस पर मैंने कहा कि बद्रीनाथ को मौका मिलेगा, लेकिन कब, यह कह नहीं सकता। अगले दिन श्रीनिवासन, श्रीकांत को लेकर तब के बीसीसीआई अध्यक्ष शरद पवार के पास गए और तभी मेरा कार्यकाल समाप्त हो गया। बता दें कि दिलीप वेंगसरकर ने 2006 में किरण मोरे के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता का पदभार संभाला था। वह दो वर्ष से भी कम वक्त तक पद पर रहे और उनके स्थान पर कृष्णमचारी श्रीकांत को मुख्य चयनकर्ता बनाया गया…Next
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