जंतर-मंतर पर एक व्यक्ति ने अरविंद केजरीवाल की रैली के दौरान पेड़ पर चढ़कर फाँसी लगा ली. अब जो ख़बरें आ रही है वो बतायी गयी इन बातों से भिन्न है. कहा यह जा रहा है कि उन्हें जंतर-मंतर की रैली में बुलाया गया जिसमें उनको एक किसान के द्वारा आत्महत्या करने का अभिनय करना था.
यह सब किसी नेता के इशारे पर हो रहा था. वह योजना के अनुसार ही पेड़ पर चढ़ा था. उसके बाद जो हुआ वह एक सच्ची कहानी बन कर लोगों के जेहन को कुरेदती रहेगी. टेलीविजन पर कई एंकर और रिपोर्टर उन्हें किसान बताते रहे. अगर ख़बरों की ही मानें तो गजेंद्र एक तनावग्रस्त किसान थे. अपने तनाव के कारण ही उन्होंने आत्महत्या कर ली. एक तनावग्रस्त किसान क्या-क्या कर सकता है, इसका अंदाजा नीचे लिखी पंक्तियों और एक घटना से जानी जा सकती है…..
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पंजाब के रामपुरा(फाजिल्का) के रहने वाले राजपाल सिंह पेट दर्द की समस्या से परेशान रहते थे. पारिवारिक समस्या के कारण वह तनाव में रहता था. इस कारण उसने एक ऐसा आदत अपना ली जो सामान्य से अलग थी.
इस आदत ने उन्हें कई दिनों बाद मुश्किल में डाल दिया. पेट दर्द की समस्या से परेशान रहने वाले राजपाल अपनी बीमारी के उपचार के लिये लुधियाना और चंडीगढ़ जैसे शहरों के चिकित्सकों से सम्पर्क किया, लेकिन इसका कोई लाभ उन्हें नहीं मिला.
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आख़िरकार, एक अस्पताल में उनकी जाँच हुई. जाँच के दौरान चिकित्सक को पता चला कि उनके पेट में सिक्के और कीलें हैं. इस बाबत उन्होंने राजपाल से जानकारी माँगी तो उन्हें उनकी इस आदत का पता चला. तब चिकित्सक ने उन्हें शल्य-प्रक्रिया से गुजरने की सलाह दी. चिकित्सक के परामर्शानुसार राजपाल शल्य-प्रक्रिया से गुजरे. इस दौरान उनके पेट से 80 सिक्के और 35 कीलें निकले. हाय रे! किसान.Next….
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