चीन के प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता को गवारा नहीं कि उनके बच्चों की नींद में कटौती कर उन्हें ध्यान लगाने की शिक्षा दी जाए. इसलिए चीन के एक स्कूल ने जब यह फैसला किया कि दोपहर में बच्चों को नींद लेने के लिए दिए जाने वाले समय में ध्यान करवाया जाएगा तो उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा. चीन के गुआंगडोंग प्रांत में चलाए जा रहे पायलट प्रोजेक्ट को भारी विरोध के बाद बंद कर दिया गया. यह पायलट प्रोजेक्ट शीशन शुबेन प्राइमरी स्कूल में शुरू किया गया था.
खबरों के अनुसार नए सेमेस्टर के शुरू होने से पहले चीन में बच्चों के मां-बाप को नोटिस भेजा गए था कि इस सत्र से मध्यावधि नींद के लिए दिए जाने वाले समय में निर्देशित ध्यान करवाया जाएगा.
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फिर बच्चों के आगे एक वीडियो चलाया गया जिसमें उनके हेडमास्टर मिस्टर वू ध्यान करने की विधि सीखा रहे थे. हालांकि ज्यादातर बच्चे यह वीडियो देखकर ध्यान करने की बजाए सो रहे थे.
हेडमास्टर वू का इरादा अच्छा था, ध्यान शरीर को तनाव मुक्त रखने की बेहतरीन तकनीक है. वू खुद भी पिछले 20 सालों से ध्यान कर रहे हैं लेकिन बच्चों पर ध्यान का वैसा असर नहीं हुआ जैसा वह चाहते थे. सोशल मीडिया पर बच्चों के मां-बाप ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि बच्चों को जबरदस्ती ध्यान नहीं करवाया जाना चाहिए. Next…
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