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खलनायक से नायक की तरफ मोदी !

आगामी चुनाव को देखते हुए राजनीतिक सरगर्मियां अपने पूरे शाबाब पर है. नेता खुद को साफ छवि बताकर राजनीति साध रहे हैं. इन्हीं में से एक नाम है भारतीय जनता पार्टी की तरह से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का जिन्हें उनकी पार्टी के लोग विकास का वाहक तो मानते ही हैं. अब वह लोग भी इनकी तारीफ में जुट गए हैं जो कभी मोदी के नाम पर आग उगला करते थे.


modiमुस्लिम धर्मगुरु एवं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना कल्बे सादिक ने आम चुनाव से पहले यह कहकर सबको चौंका दिया है कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)मुस्लिम समाज के लिए अछूत नहीं हैं. सादिक ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मोदी का अतीत भुलाया जा सकता है अगर वह खुद को बदलें तो हम भी बदलने को तैयार हैं. मुस्लिम धर्मगुरु ने कहा कि इतिहास में ऐसी तमाम मिसालें हैं, जिनका अतीत तो अच्छा नहीं था, लेकिन बाद में उन्होंने खुद को सुधार लिया.


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मुस्लिम धर्मगुरु की तरफ से दिया गया यह बयान दर्शाता है कि मुसलमानों की एक बड़ी आबादी नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को उस पाप के लिए माफ करने को तैयार है जो 2002 में राज्य-धर्म न निभाकर किया था.


मौलाना कल्बे सादिक से पहले जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख सैयद महमूद मदनी ने भी नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)के समर्थन में कुछ इसी तरह का बयान दिया था. कांग्रेस दल  पर आरोप लगाया था कि वह मुस्लिम वोटों को पाने के लिए मोदी का डर पैदा कर रही है. मदनी ने कहा कि कांग्रेस की कोशिश है कि मुसलमान मोदी के नाम से डर जाएं और 2014 में उसके लिए वोट करें.


लगातार आ रहे नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)के पक्ष में इस तरह के बयान से जहां भारतीय जनता पार्टी के लोग खुश हैं वहीं कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में उदासी का माहौल है जो अब तक यह मानकर चल रहे थे मुस्लिम वोट केवल उन्हीं के लिए ही है. वैसे यह पूरी तरह से नहीं कहा जा सकता कि मोदी मुसलमानों के लिए खलनायक नहीं हैं. क्योंकि कई सर्वेक्षण यह बताते हैं कि मुसलमान अभी भी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को 2002 के दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं.


Narendra Modi Villain to Hero


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