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Naxal attack: कैसे ढूंढ़ें इस मर्ज का इलाज ?


naxal problemदेश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका नक्सलवाद आज एक बड़ी समस्या बनकर सबके सामने है जिसके आगे शासन-प्रशासन भी मजबूर दिख रहा है. एक अनुमान के मुताबिक आज देश के जिस भी हिस्से में नक्सलवाद सक्रिय है वहां न केवल खतरा बढ़ा है बल्कि माओवाद के नाम पर चलने वाले आपराधिक संगठनों में भी कोई कमी नहीं है. यही वजह है कि आज देश में नक्सलवाद संबंधित घटनाएं बढ़ गई हैं.

इसकी बानगी उस समय देखने को मिली जब बड़ी संख्या में हथियारबंद नक्सलवादियों ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के घने जंगलों में कांग्रेसी नेताओं के एक काफिले पर हमला करके वरिष्ठ कांग्रेसी नेता महेंद्र कर्मा और पूर्व विधायक उदय मुदलियार समेत कई लोगों को मौत के घाट उतार दिए. इस हमले में पूर्व केंद्रीय मंत्री वीसी शुक्ला समेत कई अन्य घायल हो गए. वीसी शुक्ला को इलाज के लिए गुड़गांव के मेदांता अस्पताल लाया गया है.


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल भी मारे गए

इस हमले में नक्सलियों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल और उनके बेटे दिनेश पटेल सहित करीब दर्जन भर कांग्रेसजनों का अपहरण कर लिया था. लेकिन बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने उन्हें भी मार दिया है. इससे पहले भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल के काफिले पर गरियाबंद जिले में नक्सलियों ने 2011 में भी हमला कर दिया था. इस हमले में उन्हें तो कुछ नहीं हुआ लेकिन एक कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत हो गई थी.


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कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में आगामी चुनाव को देखते हुए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य सरकार के खिलाफ राज्य में 12 अप्रैल से ‘परिवर्तन रैली’ की शुरुआत की. चौथे चरण की यात्रा का शनिवार को तीसरा दिन था. इस यात्रा के दौरान नेताओं ने सुकमा जिले में सभा को संबोधित किया था. पुलिस के मुताबिक करीब 250 नक्सलियों ने शाम करीब साढ़े पांच बजे ‘परिवर्तन रैली’ से लौट रहे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के काफिले पर हमला किया.


घायल लोगों से की मुलाकात

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी ने रायपुर के रामकृष्ण केयर में शनिवार के नक्सली हमले में घायल लोगों से मुलाकात कर उनका हालचाल पूछा. प्रधानमंत्री ने हमले में मारे गए लोगों के परिवार को राष्ट्रीय राहत कोष से पांच-पांच लाख रुपये अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे.


एक नए तरह का बवाल

छत्तीसगढ़ के नक्सली हमले में एक नया खुलासा हुआ है. खबरों की मानें तो एक भेदिए के कहने पर कांग्रेस नेताओं के काफिले का रूट बदला गया था. कहा जा रहा है कि कांग्रेसी नेताओं का काफिला पहले दूसरे रास्ते से जाने वाला था लेकिन स्थानीय नेता के कहने पर काफिले का रास्ता बदला गया. इस प्रकार सुकमा से जगदलपुर का रूट बदलने पर अब सवाल उठ रहे हैं कि काफिले का रूट आखिरी समय पर आखिर क्यों बदला गया.


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