जिस तरह एक गुलदस्ते में रंगे-बिरंगे फूल समाए होते हैं उसी तरह भारतवर्ष में भी रंग-बिरंगी संस्कृतियां समाई हुई हैं और यह रंग उस समय और भी उभर कर सामने आते हैं जब गणतंत्र दिवस के मौके पर इंडिया गेट से ऐतिहासिक झांकी निकलती है. देश का गणतंत्र दिवस मात्र हमारे गणतांत्रिक होने का गवाह ही नहीं बल्कि यह दिन देश की शक्ति, संस्कृति और महानता को पास से देखने का मौका होता है. राजपथ से विजय चौक तक सेना की परेड और विभिन्न झांकियां देश के विभिन्न रंगों की गवाही देती हैं.
राजपथ ने 63वें गणतंत्र दिवस पर सशस्त्र सेनाओं के शौर्य, क्षमता और मुल्क की सांस्कृतिक संपदा का झरोखा खोल दिया. चाहे वह अग्नि 4 का प्रदर्शन हो या फिर बिहार की झांकी या फिर महिला अधिकारी फ्लाइट लेफ्टिनेंट स्नेहा शेखावत का वायु सेना दस्ते का नेतृत्व करना. इंडिया पर गुलाबी सर्द के बीच लाखों लोगों ने गणतंत्र दिवस की परेड को यहां मौजूद होकर देखा तो करोड़ो लोगों ने अपने देश की इस तस्वीर को टीवी पर देख अपनी आंखों में बसाया.
भारत के गणतंत्र बनने की 62वीं सालगिरह के मौके पर परेड की सलामी तीनों सेनाओं की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने ली. सैन्य क्षमता और सांस्कृतिक विविधता को समेटती इस परेड की मुख्य अतिथि थीं थाइलैंड की प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा.
सैन्य शक्ति का प्रदर्शन
अग्नि-4 मिसाइल और प्रहार प्रक्षेपास्त्रों ने सैन्य प्रहार शक्ति की बानगी पेश की तो मानवरहित टोही विमान रुस्तम, बारूदी सुरंगों को उखाड़ फेंकने वाले टी-72 टैंक व एक साथ अनेक फ्रीक्वेंसियों को जाम कर देने वाले जैमर स्टेशन ने प्रतिरोधक क्षमता का नमूना दिखाया.
तीनों सेनाओं और अर्धसैनिक बलों के 20 मार्चिंग दस्तों से लेकर अपनी गर्जना से दहलाने वाले वायुसेना के विमानों ने धरती और आसमान पर भारत की उभरती ताकत के दस्तखत उकेरे. सैन्य प्रहार क्षमता की नुमाइश की कड़ी में सेना ने 37.5 किमी मारक क्षमता वाली पिनाक बहुनलीय प्रक्षेपास्त्र लांचर प्रणाली और 40 सेकेंड में 12 रॉकेट दागने वाली रूस से आयातित स्मर्च प्रक्षेपास्त्र प्रणाली राजपथ पर उतारा.
वायुसेना के 27 विमानों और तीन लड़ाकू हेलीकॉप्टरों के शानदार फ्लाइपास्ट के नजारे ने भरोसा दोहराया कि भारतीय आसमान के निगहबानों के पास ताकत भी है और काबिलियत भी.
महिला शक्ति ने रचा इतिहास
राजस्थान के सीकर की फ्लाइट लेफ्टिनेंट स्नेहा शेखावत ने 63वें गणतंत्र दिवस परेड में वायु सेना दस्ते का नेतृत्व कर इतिहास रच दिया. शेखावत परेड में वायु सेना दस्ते का नेतृत्व करने वाली पहली महिला पायलट बनीं. परेड में वायु सेना के 144 सदस्यीय दस्ते में शेखावत के साथ तीन अन्य फ्लाइंग आफिसर हिना पुरी, अनुपम चौधरी और पूजा नेगी भी शामिल थीं. इन्होंने ‘एयर बैटल’ की धुन पर परेड में हिस्सा लिया.
झांकियां भी थी निराली
रेलवे: रेलवे के सौ वर्षो का तकनीकी सफर पंजाब मेल की झांकी के रूप में सामने आया. इसमें भाप के इंजन से चलने वाली सौ साल पुरानी पंजाब मेल के साथ इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाली आज की पंजाब मेल के लघु प्रारूपों से दर्शकों को रू-ब-रू कराया गया. पंजाब मेल देश की एकमात्र ट्रेन है जिसने सौ साल पूरे किए हैं.
बिहार की झांकी: बिहार की झांकी में पुत्री के जन्म पर खुशी जताती महिला के माध्यम से यह बताने की कोशिश की गई कि अब बिहार में भी महिला सशक्तिकरण का दौर चल पड़ा है. दरअसल इस झांकी में एक ऐसे गांव के बारे में बताया गया था जिसमें अगर किसी के घर पुत्री का जन्म होता है तो वह 50 पेड़ लगाता है और भगवान को इसके लिए शुक्रिया अदा करता है.
महाराष्ट्र की झांकी: एक बार फिर महाराष्ट्र ने अपनी शान अजंता एलेरा की गुफाओं को अपनी झांकी में जगह दी.
गोवा: गोवा ने अपनी रंगीन संस्कृति को ही अपनी विशेषता बताई. गोवा की झांकी बेहद रंगीन थी और दर्शकों को खूब पसंद आई.
अन्य झांकियों के साथ लोगों ने बच्चों के रंगारंग कार्यक्रम का भी लुत्फ उठाया.
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