भारतीय राजनीति में विवादास्पद बयानों का अपना ही इतिहास है. कुछ महीने पहले कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने ओसामा बिन लादेन को लादेन ‘जी’ और रामदेव को ठग कहा था. ठीक उसी तरह का बयान नितिन गडकरी ने उस समय दिया जब वह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में महिलाओं की पत्रिका ‘ओजस्विनी’ के एक कार्यक्रम पहुंचे. गडकरी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद और माफ़िया डॉन दाउद इब्राहिम का आईक्यू एक जैसा था. गडकरी ने आगे कहा, ”ज़िंदगी में उनकी दिशा एक को स्वामी बना गई तो दूसरे को अंडरवर्ल्ड डॉन. एक ने इसका इस्तेमाल समाज की बेहतरी के लिए किया तो दूसरे ने आतंक फैलाने के लिए किया.’
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पिछले कुछ दिनों से कथित भ्रष्टाचार के कारण विवादों में रहने वाले नितिन गडकरी के इस बयान को राजनीति हलकों में बहुत ही गंभीरता से लिया जा रहा है. कांग्रेस सहित सभी पार्टियों ने इसकी कड़ी आलोचना की है. कांग्रेस के मीडिया प्रभारी मानक अग्रवाल ने भी कहा कि गडकरी ने विवेकानंद की तुलना दाऊद से कर के अपना आईक्यू स्तर स्पष्ट कर दिया है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा, तो क्या गडकरी का आईक्यू स्तर कसाब के बराबर है. नितिन गडकरी के इस बयान से उनकी पार्टी बीजेपी भी सदमे में है. उसे समझ में नहीं आ रहा कि कैसे उनकी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष इस तरह का बयान दे सकता है. भाजपा ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया है और कहा है कि गडकरी खुद इस पूरे मसले पर स्पष्टीकरण देंगे.
हालांकि, बाद में नितिन गडकरी ने अपने बयान से पलटते हुए कहा है कि उन्होंने दाऊद और स्वामी विवेकानंद की कभी कोई तुलना नहीं की, न ही इसमें तुलना करने लायक कुछ है. अपने स्पष्टीकरण में गडकरी ने कहा कि उन्होंने दोनों की तुलना नहीं की थी और मीडिया ने उनके बयान को ग़लत तरीक़े से पेश किया है.
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गडकरी का यह बयान दिग्विजय सिंह के बयान से काफी संवेदनशील और गंभीर है. उन्होंने दाउद जैसे आतंकवादी की तुलना उस महान व्यक्तित्व से की जिन्होंने सारी जिंदगी लोगों को खासकर युवाओं को मार्गदर्शन ही दिया. स्वामी विवेकानंद आधुनिक भारत के एक क्रांतिकारी विचारक थे. वह अपने भाषण से युवाओं में उर्जा भर देते थे. युवा उन्हें ताउम्र अपने जीवन के आदर्श के रूप में देखते थे. ऐसे में गडकरी ने इस अतुलनीय व्यक्तित्व की तुलना एक ऐसे व्यक्ति से की जिसने केवल भारत की बर्बादी ही सोची.
वैसे यह पहली बार नहीं है जब गडकरी ने इस तरह का बयान दिया है. इससे पहले भी गडकरी ने कुछ ऐसे विवादास्पद बयान दिए जिसकी वजह से वह मीडिया में चर्चा का विषय बने. आतंकवादी अफजल गुरु को अब तक फांसी न दिए जाने पर गडकरी ने कहा था कि अफजल गुरू कांग्रेस के दामाद हैं. उन्होंने हाल ही में कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस को मुन्नी से भी ज्यादा बदनाम बताया. इसी तरह उनकी बदजुबानी का एक रूप उस समय देखने को मिला जब उन्होंने चंडीगढ़ में एक रैली में आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह को सोनिया गांधी का कुत्ता कह दिया.
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