आजकल हवाई जहाज से सफर करना इतना मुश्किल नहीं रहा, लोग जिन्हें किसी स्थान पर जल्द पहुंचना होता है और समय बचाना होता है वो अक्सर हवाई यात्रा ही करते हैं। लेकिन अक्सर यात्रियों को एक समस्या का सामना करना पड़ता था और वो है टिकट कैंसिल कराने में एयरलाइंस की मर्जी। यात्री अगर अपना टिकट कैंसिल करवाते थे, जिसके बाद बेहद कम रिफंड मिलता था। लेकिन अब सरकार ने एयरलाइंस की इस मनमर्जी के खिलाफ एक नया प्लान लाया है जो यात्रियों के लिए किसी राहत से कम नहीं है।
टिकट कैंसलेशन पर राहत
केंद्र सरकार ने हवाई जहाज से यात्रा करने वालों के लिए बड़ा ऐलान किया है। नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा है कि यदि फ्लाइट बुकिंग के 24 घंटे के भीतर यात्री टिकट कैंसल कर देते हैं तो उन्हें इसके लिए कोई कैंसलेशन चार्ज नहीं देना होगा। इसके अलावा इस समयसीमा के अंदर टिकट में अन्य तरह के बदलाव भी मुफ्त में करा सकते हैं। साथ हीयात्रा समय से 96 घंटे पहले तक टिकट कैंसल करने पर भी कोई चार्ज नहीं देना होगा। मंत्री ने यह भी साफ किया कि किसी भी हालत में कैंसलेशन चार्ज बेसिक फेयर और फ्यूल चार्जेज के जोड़ से अधिक नहीं हो सकता है।
फ्लाइट डिले होने पर मुआवजा
मौसम खराब होने की वजह से या फिर किसी तकनीकी खराबी की वजह से कई बार फ्लाइट देरी से चलती है, जिस वजह से आम लोगों को खासी परेशानी होती है। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री ने कहा कि यदि एयरलाइन्स कंपनियों की गलती की वजह से फ्लाइट डिले होती है तो उन्हें यात्रियों को इसका हर्जाना देना होगा। इतना ही नहीं यदि फ्लाइट अगले दिन तक के लिए डिले होती है तो बिना किसी अतिरिक्त चार्ज लिए यात्रियों के होटल में रुकने का प्रबंध करना होगा। कनेक्टिंग फ्लाइट मिस होने पर भी कंपनियों को हर्जाना देगा होगा। वहीं, फ्लाइट अधिक डिले होने की स्थिति में यात्री टिकट कैंसल करा सकते हैं और उन्हें पूरा पैसा रिफंड कर दिया जाएगा।
ऐसे मिलेगा हर्जाना
अगर तीन-चार घंटे देरी की वजह से कनेक्टिंग फ्लाइट मिस हो जाए तो उस स्थिति में 5000 रुपये, जबकि 4 से 12 घंटे लेट होने पर 10 हजार रुपये और 12 घंटे से अधिक लेट होने पर 20 हजार रुपये का हर्जाना एयरलाइंस कंपनी की तरफ से यात्रियों को देना होगा। इसके अलावा पेपरलेस यात्रा के लिए डिजियात्रा की शुरुआत भी करना चाहती है। यात्री 2 महीने के भीतर फ्लाइट में वाईफाई की सुविधा का उपयोग कर सकेंगे।
लेट होने पर देने होंगी ये सुविधाएं
पहली बार सरकार ने टारमेक (tarmac) का नियम लागू किया है। अगर किसी कारण से फ्लाइट 2 घंटे से ज्यादा खड़ी रहती है यात्रियों को फ्लाइट से उतारना होगा। अगर फ्लाइट 1 घंटे से ज्यादा खड़ी रहती है तो एयरलाइंस को यात्रियों को खाने-पीने का सामान देना होगा। इसके अलावा ड्राफ्ट में प्रस्ताव है कि दिव्यांग के लिए फ्लाइट में पर्याप्त लेग स्पेस के साथ ही फ्री रिजर्व सीट भी होना चाहिए। इस प्रस्ताव पर जनता के सुझावों के लिए 30 दिन तक का समय दिया गया है। इस प्रस्ताव पर फैसला 15 जुलाई तक लिया जा सकता है।…Next
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