सऊदी अरब के शाही परिवार से नाता रखने वाला और विश्व का सबसे मोस्ट वांटेड आतंकवादी रह चुका ओसामा बिन लादेन एक ऐसा व्यक्तित्व था जिसके मरने के बाद भी मीडिया और लोग उसे याद नहीं करना भूलते. जब वह जीवित था तब संपूर्ण विश्व उसकी दहशत से पूरी तरह से वाकिफ था. विश्व के इसी खतरनाक आतंकवादी को आज के ही दिन एक साल पहले पाकिस्तान के ऐबटाबाद में अमरीकी सैनिकों की कार्यवाही में मार गिराया गया था. इस कार्यवाही को अमरीका के विशेष दस्ते नेवी सील्स ने अंजाम दिया था. आधुनिक तकनीक से लैस इस सेना ने कार्यवाही को पूरा करने के लिए केवल 40 मिनट लिए. लादेन के मारे जाने के बाद अमरीकी सेना ने लादेन के शव को अरब सागर में दफना दिया.
पाकिस्तान पर उठे सवाल
पाकिस्तान में लादेन की मौजूदगी से पूरे विश्व में पाकिस्तान को एक आतंकवादी राष्ट्र के रूप में देखा जाने लगा. हर तरफ से पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की गई. पाकिस्तानी सरकार और उसकी खुफिया एजेंसियों के कामकाज पर कई सवाल उठने लगे. लादेन को शरण देने के मामले से हर कोई पाकिस्तान से रिश्ता तोड़ने की बात कहने लगा.
जहां पाकिस्तान की इस करतूत पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना की जा रही थी वहीं पाकिस्तान में भी इसको लेकर आवाज उठ रही थी. उस घटना के बाद जहां एक ओर सरकार और सेना के बीच संबंधों में तनाव पैदा हुआ जो आज भी देखा जा सकता है वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की विपक्षी पार्टी ने सरकार को घेर लिया था. कई स्तर से दबाव के बाद पाकिस्तानी सरकार ने आखिरकार जून 2011 में उस घटना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस जावेद इकबाल की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किया.
अमरीका से रिश्तों में खटास
अमरीका के रहमों करम पर पलने वाला पाकिस्तान आज अमरीका के खिलाफ आग उगल रहा है. ऐबटाबाद की कार्यवाही के बाद अमरीकी संसद में एक प्रस्ताव लाया गया था जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता खत्म कर देनी चाहिए. इसके बाद से दोनों देशों के रिश्तों में खटास की खबरें समय-समय पर आती रहीं. 6 नवंबर, 2011 को नेटो सेना के हेलिकॉप्टरों ने पाकिस्तान के कबायली इलाके में हमला किया जिसमें 16 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई इस घटना ने दोनों देशों के खटास पड़े रिश्तों में घी डालने का काम किया. आज भी यदि देखा जाए तो पाकिस्तान और अमरीका के बीच संबंधों में कोई सुधार नहीं हुआ है.
लादेन का परिवार
लादेन की मौत के बाद उसकी विधवाओं और बच्चों को पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने हिरासत में ले लिया था. बाद में उन्हें गृह मंत्रालय के हवाले कर दिया गया. कुछ महीने पहले सिविल कोर्ट ने पाकिस्तान में अवैध तौर पर प्रवेश करने और रहने के आरोप में लादेन की विधवाओं को 45 दिन की जेल की सजा सुनाई थी. न्यायाधीश ने जेल की सजा के बाद उन्हें निर्वासित करने का आदेश दिया था जिसके बाद हाल ही में ही ओसामा बिन लादेन की तीन विधवाओं सहित परिवार के 14 सदस्यों को सऊदी अरब निर्वासित कर दिया गया.
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