अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) ने व्हाइट हाउस में ओसामा बिन लादेन (Osama bin Laden) के मौत की पुष्टि करते हुए कहा है कि बीते कई सालों से दुनिया भर में आतंक का दूसरा नाम बन चुका अलकायदा (Al-Qaeda) सरगना ओसामा बिन लादेन (Osama bin Laden) मारा जा चुका है.
Osama bin Laden killed in Pakistan
ओसामा बिन लादेन (Osama bin Laden) को पाकिस्तान (Pakistan)में इस्लामाबाद से करीब 60 किलोमीटर दूर अबोटाबाद में मार गिराया गया. बताया जा रहा है कि ओसामा बिन लादेन (Osama bin Laden) यहां पिछले कई महीनों से रह रहा था. जिस बंगले में लादेन रह रहा था उस पर अमेरिकी सेना कई महीनों से नजर रख रही थी और अंत में उस पर सुनियोजित ढंग से हमला बोलकर लादेन को मार गिराया गया.
सूत्रों के अनुसार, अंतिम समय में लादेन ने अपने बचने के लिए एक औरत को ढाल बनाया था हालांकि ऐसी बातों का कोई ठोस सबूत नहीं है लेकिन अमेरिका ने इस बात की पुष्टि की है कि उनके पास लादेन का शव है जो इस बात को प्रमाणित करता है कि लादेन मारा गया है.
अमेरिका पिछले साल अगस्त में यह सूचना मिलने के बाद महीनों से इस परिसर की निगरानी कर रहा था कि वहां हो सकता है कि लादेन रह रहा हो. मकान में कोई फोन या टेलीविजन नहीं था और इसमें रहने वाले लोग कूड़ा करकट जला दिया करते थे. मकान में ऊंची खिड़कियां थीं और पहुंचने के कुछ ही बिन्दु थे. अमेरिकी अधिकारियों ने इससे अंदाज लगाया कि यह किसी को छिपाने के लिए बनाया गया है.
पाकिस्तान सैन्य अकादमी अबोटाबाद के नजदीक ही स्थित है. यह एक ऐतिहासिक शहर है जिसका नाम मेजर जेम्स एबट के नाम रखा गया है. इस ब्रिटिश अधिकारी ने ही 1853 में इस शहर की स्थापना की थी .
कहीं जश्न तो कहीं सुकून
ओसामा बिन लादेन की मौत से जहां एक ओर अमेरिका में जश्न की लहर फैल गई है वहीं अफगानिस्तान और इराक की जनता सुकून की सांस ले पा रही है. ज्ञात हो कि अमेरिका ने पिछले कई सालों से अफगानिस्तान और इराक को एक तरह से अपने अधीन कर रखा है. अमेरिका का मानना था कि यह दोनों देश ओसामा को छिपा रहे हैं लेकिन ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में मारे जाने से एक बार फिर साबित हो गया कि पाकिस्तान ही आंतकियों का असली गढ़ है.
इस पूरी घटना के बाद भी अमेरिका मान रहा है कि पाकिस्तान ने उसकी मदद की है और इन सब में पाकिस्तान का कोई हाथ नहीं है जबकि सच तो यह है कि लादेन को इतने महीनों तक पाकिस्तान में ही छिपा कर रखने की योजना के पीछे पाकिस्तान का ही हाथ है.
अब भारतीय सेना और सरकार के सामने यह एक उदाहरण और सवाल है कि क्या हम भी अमेरिका की राह पर चलते हुए भारत में हुए आतंकी हमलों का बदला नहीं ले सकते? क्या आतंकवादियों की वजह से भारत में अमेरिका से कम नुकसान हुआ है ? और अगर नहीं तो अब तक हम चुप क्यूं हैं ?
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