INX मीडिया मामले में फंसे पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम मुसीबत में फंसते हुए नजर आ रहे है। चिदंबरम के खिलाफ सीबीआई और ईडी ने मामले दर्ज किए हैं। आर्थिक घोटालों की वजह से कई नेता और मशहूर शख्सियतों का नाम सुर्खियों में आ चुका है। ऐसे में आर्थिक घोटालों पर जांच करने वाली संस्थाओं के बारे में जानकारी रखना बहुत जरूरी है। आइए, जानते हैं इन संस्थाओं से जुड़ी खास बातें-
आर्थिक मामलों से जुड़े अपराध
सरकारी या निजी संपत्ति का दुरुपयोग आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है। इसमें संपत्ति की चोरी, जालसाजी, धोखाधड़ी आदि शामिल हैं। ऐसे मामलों में आर्थिक अपराध की श्रेणी के हिसाब से केस दर्ज किया जाता है। दूसरे अपराध की तरह आर्थिक अपराध की जांच भी कई एजेंसियां करती हैं। आर्थिक अपराध की जांच करने वाली एजेंसियों में पुलिस, इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EoW), सीबी-सीआईडी, प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) आदि शामिल हैं।
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EoW)
जिस राज्य में आर्थिक अपराध की जांच करने वाली कोई एजेंसी नहीं होती, वहां पुलिस ही ऐसे मामलों की जांच करती है। लेकिन दिल्ली जैसे केंद्र शासित राज्यों में आर्थिक अपराध की जांच के लिए इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EoW) होती है। इसे हिन्दी में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भी कहते हैं। एक करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी या हेराफेरी के मामले की जांच इकोनॉमिक ऑफेंस विंग करती है। यह किसी भी बड़े आर्थिक अपराध में अपने आप केस दर्ज कर सकती है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED)
जिस आर्थिक अपराध में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) का उल्लंघन होता है उसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) करता है। यह एक आर्थिक खुफिया एजेंसी है, जो भारत में आर्थिक कानून लागू करने और आर्थिक अपराध पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी निभाती है। प्रवर्तन निदेशालय भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अंतर्गत आता है। प्रवर्तन निदेशालय का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार के दो प्रमुख अधिनियमों, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (FEMA) और धन की रोकथाम अधिनियम 2002 (PMLA) का प्रवर्तन करना है।
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI)
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (CBI) भारत की एक प्रमुख जांच एजेंसी है। कई अपराधों की जांच के अलावा आर्थिक अपराध और भ्रष्टाचार की जांच भी सीबीआई करती है। सीबीआई के पास अलग से एंटी करप्शन यूनिट भी है। इसके अलावा सरकार और कोर्ट भी सीबीआई को आर्थिक अपराधों की जांच के आदेश दे सकती है। आमतौर पर बड़ी हस्तियों से जुड़े आर्थिक अपराध, बड़ी रकम की धोखाधड़ी या एक से अधिक राज्यों से जुड़े मामलों की जांच सीबीआई करती है।
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