पिछले कई दिनों से जिंदगी-मौत के बीच झूल रहे पाकिस्तानी कैदी सनाउल्ला (Pakistani prisoner Sanaullah) हक का चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में गुरुवार सुबह निधन हो गया. डॉक्टरों का मानना है कि उसकी मौत कई अंगों के एक साथ काम करना बंद कर देने की वजह से हुई. सनाउल्ला पीजीआई अस्पताल में लाने के बाद से ही डीप कोमा में था. 15 दिन के वीजा पर भारत आए सनाउल्ला के परिजनों को उसकी मौत की खबर दे दी गई है.
सनाउल्ला हक का शव
माना यह जा रहा है कि 52-वर्षीय सनाउल्लाह का विस्तृत पोस्टमार्टम चंडीगढ़ में किया जाएगा. पीजीआई ने 3 डाक्टरों का पैनल गठित किया है जो कि सनाउल्लाह का पोस्टमार्टम कर मृत्यु के वास्तविक कारणों का पता लगाएगा. उधर गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि हम सनाउल्लाह का शव पाकिस्तान को सौंप देंगे. विदेश मंत्रालय उसका शव भेजने की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए पाकिस्तानी अधिकारियों से बात कर रहा है.
पाकिस्तान की मांग
इस बीच पाकिस्तान ने मांग की है कि इस प्रकरण की अंतरराष्ट्रीय जांच करवाई जाए. पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि सनाउल्लाह को जानबूझ कर मारा गया है. उन्होंने सनाउल्लाह के शव की मांग की है.
क्या है मामला
भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की पाकिस्तान के एक अस्पताल में मौत के बाद सनाउल्लाह पर जम्मू की कोट भलवाल जेल में 3 मई को एक कैदी ने हमला कर दिया. इस हमले में सनाउल्लाह गंभीर रूप से घायल हो गया. घायल सनाउल्ला को जम्मू से विमान द्वारा चंडीगढ़ स्थित पीजीआई अस्पताल लाया गया. यहां उसे एडवान्स्ड ट्रॉमा सेंटर के गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती किया गया था.
कौन था सनाउल्लाह
पाकिस्तान के दलुवाली का रहने वाला सनाउल्लाह पाकिस्तान का एक आतंकवादी था जिसके ऊपर जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं में लिप्त होने का आरोप था. वह सीमा पार कर भारत में घुसा था. 1999 में उसे कोट भलवाल जेल लाया गया था. उसके ऊपर 302, 304, 494 और हत्या के अलावा अन्य धाराओं के तहत आठ केस दर्ज था. वर्ष 2009 में टाडा के तहत केस में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
सनाउल्लाह को 16 जुलाई, 1994 को भी मीरां साहिब से आ रही मिनी बस में सतवारी के पास बम ब्लास्ट करने के आरोप में 17 साल की सजा सुनाई गई थी जिसे बाद में आजीवन कारावास में बदल दिया गया था. इस ब्लास्ट में 10 लोग मारे गए थे.
सनाउल्लाह, पाकिस्तान.
Read Comments