लगभग 17 सालों बाद कांग्रेस को मिले रेल मंत्रालय पर दाग लगा चुके रेल मंत्री पवन कुमार बंसल (Pawan Kumar Bansal) की कुर्सी जानी तय मानी जा रही है. सूत्रों से यह पता चला है सीबीआई (केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो) के हाथ वह सभी कॉल डिटेल्स लगी हैं जिससे जाहिर होता है कि बंसल और महेश कुमार में रिश्ते रहे हैं.
सीबीआई को कॉल डिटेल्स से पता चला है कि रेल घूस कांड में पवन कुमार बंसल ने 17 अप्रैल को महेश कुमार से मुलाकात की. महेश कुमार रेलवे बोर्ड में मेंबर इलेक्ट्रिकल बनना चाहते थे और इसकी पैरवी के लिए उन्होंने बंसल से मुलाकात की. इससे पहले भी बंसल से मिलने के लिए महेश कुमार 7 अप्रैल को उनके सरकारी आवास गए थे जहां भांजे विजय सिंगला, मंजूनाथ और संदीप गोयल भी मौजूद थे.
इससे पहले पवन कुमार बंसल के निजी सचिव राहुल भंडारी से सीबीआई ने तीन घंटे पूछताछ की. भंडारी ने सबीआई को बताया कि विजय सिंगला की आवाजाही खुले तौर पर न सिर्फ रेल भवन में थी, बल्कि बंसल के कमरे में विजय सिंगला भी खूब आया जाया करते थे. रिश्वत को लेकर विजय सिंगला ने ही महेश कुमार की मुलाकात पवन बंसल से उनके घर पर कराई थी. वैसे सीबीआई की पूछताछ में भंडारी ने रिश्वत के लेन-देन के बारे में जानकारी से इन्कार कर दिया.
क्या है मामला?
मामला रेलवे बोर्ड मेंबर और 1975 बैच के इंडियन रेलवे सर्विस के अफसर महेश कुमार के प्रमोशन से जुड़ा है. महेश कुमार को हाल में ही रेलवे में मेंबर (स्टाफ) के तौर पर प्रमोशन मिला था और वो मेंबर (इलेक्ट्रिकल) का लुभावना पद पाने की कोशिश में लगे थे. इसके पीछे की वजह थी कि इस विभाग में रेलवे जल्द ही कई सौ करोड़ का टेंडर निकालने वाला था जिसका फायदा महेश कुमार को कहीं न कहीं होता.
महेश कुमार ने जीएम पश्चिम रेलवे रहते हुए अपने प्रमोशन के लिए रेल मंत्री के भांजे को 2 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी. आरोपों के मुताबिक इस रकम की पहली किस्त 90 लाख रुपये के तौर पर सिंगला को दे भी दी गई. हालांकि बंसल ने किसी भी अनियमितता से इनकार किया और कहा कि उनका सिंगला से किसी तरह के कारोबारी संबंध नहीं हैं. इस मामले में अब तक कुल 10 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
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