प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किताब ‘एग्जाम वॉरियर्स’ का उर्दू वर्जन आ रहा है और उसे ऋषि कपूर रिलीज करेंगे। यह किताब अभी तक इंग्लिश के अलावा हिंदी, उड़िया, तमिल और मराठी भाषाओं में रिलीज की जा चुकी है। इस किताब में उन स्टूडेंट्स, पैरंट्स और टीचर्स को उपयोगी सलाह दी गई है जो एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं। कहा जा रहा है इस मौके पर प्रधानमंत्री के अलावा इस फंक्शन में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी उपस्थित रहेंगे। राजनीति में नेताओं को किताब लिखने का हमेशा से शौक रहा है। आइए, जानते हैं पीएम मोदी से पहले कौन से भारतीय नेता किताब लिख चुके हैं।
एपीजे अब्दुल कलाम
भारत के पूर्व राष्ट्रपति यानि मिसाइल मैन स्विर्गीय एपीजे कलाम की लिखी पुस्तकक इंडिया 2020: ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम आपको बड़े प्रभावी अंदाज में साल 2020 तक भारत के आर्थिक विकास की कहानी बताती है। राष्ट्रेपति कलाम ने ये किताब वाईएस राजन के साथ मिल कर लिखी है। इसके अलावा कलाम ने अग्नि की उड़ान, टर्निंग प्वाइंट जैसी कई चर्चित किताबें लिखी हैं।
शशि थरूर
भारत के मशहूर राजनीतिज्ञ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने महाभारत काल से लेकर ब्रिटिश रूल तक की भारत की कहानी अपने नॉवेल द ग्रेट इंडियन नॉवेल में लिखी है। उनके खास अंदाज में लिखे इस उपन्यास को दुनियाभर में शोहरत और कई ईनाम भी मिले।
लालकृष्ण आडवाणी
मशहूर राजनेता और भारतीय जनता पार्टी के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी ने अपनी जिंदगी के सफर जिस नजरिए से भारतीय राजनीति को देखा उसे अपनी किताब माई कंट्री माई लाइफ में उतारा है। आप इसे आडवाणी का राजनीतिक बायोडाटा भी कह सकते हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी
कुछ दिनों पहले दुनिया को अलविदा कह चुके वाजपेयी ने एक नहीं कई किताबें लिखी है, इसमें ‘मेरी इक्यानवें कविताएं’, ‘क्या खोया क्या पाया’ जैसी कई किताबें लिखी हैं।
पंडित जवाहर लाल नेहरू
पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा लिखी ये किताब डिस्कावरी ऑफ इंडिया सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर आजादी की लड़ाई तक भारत के विकास की कहानी है। 1942-1946 की अपनी जेल यात्रा के दौरान चाचा नेहरू ने इसे लिखा और दुनिया को भारत के महान इतिहास से दुनिया को रूबरू करवाया।
जसवंत सिंह
जसवंत ने ‘जिन्ना : इंडिया-पार्टिशन-इंडिपेंस’ लिखी है, ये किताब भारत की आजादी और बंटवारे के दौरान पाकिस्ता न के संस्थानपक मोहम्मऔद अली जिन्नाि के प्रभावों और भूमिका की कहानी है…Next
Read More :
1 सितम्बर से बदल जाएंगी ये 4 चीजें, परेशानी से बचने के लिए जान लीजिए
अटल नहीं रहे लेकिन अमर रहेगी उनकी साथ जुड़ी ये 6 घटनाएं
हिरोशिमा के बाद 9 अगस्त को अमेरिका ने नागासाकी को क्यों बनाया परमाणु बम का निशाना
Read Comments